दर्द
दर्द


आप लोग कैसे है आशा करती हूँ कि आप लोग सब सुरक्तष एंव स्वस्थ होगे,
आज मन कुछ ठीक नहीं लग रहा है, जब से जीनतबाजी का फोन आया है।
बहुत दिन बाद किसी को इतना मजबूर और तकलीफ में पाया वह भी जीनत आपा जहीन सहीन प्रोफेसर, पर उनको भी जलालत में शुमार कर दिया गया, कल तो जो लोग जीनत आपा के कदमों का बोसा लिया करते थे आज उनको तहह तरह के नाम से पुकारा जा रहा है क्या कहे क्या ना कहे, कह कर वह बुरी तरह से रो रही थी,
हम क्या कहे और क्या ना कहे समझ नही आरहा था, बस समझने की बाते है और समझनी भी होगी खुदा अल्लाह सब ने एक ही बना कर भेजा है फिर यह कैसा जहर कहाँ से आया यह सब हम लोगों को समझना होगा इसी के साथ बस यहाँ कल फिर मुलाकात होगी।