दोहरे मापदंड
दोहरे मापदंड
डॉक्टर दंपत्ति स्नेहा व दीपक युवा पुत्र सुशील संग घनिष्ठ मित्र की बेटी के विवाह समारोह में शरीक होने मुंबई पहुंचे। कैनेडा में बसी स्नेहा की घनिष्ठ प्रिय सखी ममता ने फ़ोन पर जानकारी दी कि उसकी युवा पुत्री नम्रता अपनी सखियों संग मुंबई पहुंची है। वह भारतीय संस्कृति, परंपरा एवं रीति-रिवाजों के दर्शन करना चाहती है। स्नेहा ने अपने मुंबई में होने की बात कह नम्रता व उसकी सहेलियों को अपने होटल बुलाने की अनुमति मांग ली। ममता ने भी तुरंत हामी भर दी।
नम्रता व उसकी सखियों को फ़ोन कर स्नेहा ने अपने होटल बुला लिया। विदेशी बालाएं विवाह समारोह में सम्मिलित होने को उत्साहित थी। स्नेहा ने उनके लिए भारतीय परिधान की व्यवस्था कर उन्हें विवाह की सभी रस्मों में साथ रखा। उन बालाओं ने विवाह समारोह में भारतीय परंपरा, संस्कृति एवं रीति-रिवाज के दर्शन किये तथा पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया। वे लोग दो दिन तक साथ-साथ मुंबई घूमें। सुशील भी अपनी हम उम्र दोस्तों की कंपनी से खुश था। नम्रता ने स्नेहा से कहा, "आंटी हम अपने होटल जा रहे हैं, चाहते हैं दो दिन तक सुशील भी हमारे साथ होटल चलें तो हम लोग दो दिन साथ-साथ घूमें-फिरें और मौज करें, वैसे आप भी दो दिन मुंबई में ही हो।” स्नेहा पाशोपेश में मन ही मन विचार करने लगी कि कैसे वह अपने युवा पुत्र को उन विदेशी बालाओं संग अकेला छोड़ दे। तुरंत बहाना बना कह दिया, “सुशील की नानी बहुत बीमार हो गई है, सो हमें आज ही जयपुर के लिए रवाना होना है।”
