दो छाते
दो छाते
आज रमेश की बेटी दो छाते खरीदने के लिए अड़ गई और रमेश ने भी हँसते हुए दोनों छाते दिला दिए। उसकी पत्नी मीना मना करने लगी तो रमेश बोला," मना मत करो। मैंने कल इसे अपनी सहेली से बात करते सुना था कि उसकी माँ छाते के बिना बहुत परेशान है और लेने के लिए पैसे नहीं हैं। तब हमारी बेटी ने उसे कहा था कि तू चिंता ना कर, मैं लाऊंगी तुम्हारी माँ के लिए छाता। मुझे गर्व है अपनी बेटी पर कि ये दूसरे का दुख समझी।"