कलमकार सत्येन्द्र सिंह

Drama Tragedy Abstract Thriller

4.2  

कलमकार सत्येन्द्र सिंह

Drama Tragedy Abstract Thriller

दहला

दहला

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वह दो बच्चियों की माँ इस बार फिर पेट से थी।

"अब की बार लड़की हुई तो तलाक़ ले लेना बेटा.... " सास ने फुलझड़ी छोड़ी।

"... माँ जी... और अगर लड़की न हुई तो क्या मैं... ?" बहू ने धीरे से पूछा।

अपने अधूरे वाक्य से बहू ने सास पर दहला फेंक दिया था।


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