DR ARUN KUMAR SHASTRI

Comedy Drama Classics

4.5  

DR ARUN KUMAR SHASTRI

Comedy Drama Classics

धक्के

धक्के

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धक्कों का एक 

आध्यात्मिक विश्लेषण 

धक्के 5 प्रकार के होते हैं 

1

शारीरिक  धक्के जो हम दैनिक जीवन में रोज झेलते है उसका एक सटीक उदहारण है बस के धक्के 

बस में बैठे यात्री की ड्राइवर से जितनी दूरी होगी उतने ही अधिक मात्रा में धक्के ज्यादा लगेंगे न समझ आये तो प्रैक्टिकली जा के देख समझ सकते हैं।

2

मानासिक धक्के ये भी हम दैनिक जीवन में रोज झेलते है उसका एक सटीक उदहारण है वैचारिक धक्के आपके परिवार या मित्रों से आपकी घनिष्टता जितनी 

ज्यादा होगी उतने ही अधिक मात्रा में मानसिक धक्के ज्यादा लगेंगे न समझ आये तो प्रैक्टिकली समझाता हूं।

पिता को उदाहरण के लिए साथ मे रख कर।

आप के पिता आपके परिवार की धुरी व मुखिया हैं आप की केंद्र अर्थात पिता से दूरी आपके मानसिक स्वास्थ्य को विचलित रखेगी हाँ उसके विपरीत यदि आप उनसे सम्पर्क में रहेंगे तो आपका मानसिक स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

3

आत्मिक धक्के ये भी  हम दैनिक जीवन में रोज झेलते है उसका एक सटीक उदहारण है discoordination with गुरु टीचर माँ एंड एल्डर सिस्टर दोनों सिस्टम बस के धक्के की तरह कार्य करते हैं माँ बहन गुरु टीचर इनसे  जितनी दूरी होगी हमारी तो उतने ही अधिक मात्रा में आत्मिक अशांति रहेगी अर्थात धक्के ज्यादा लगेंगे न समझ आये तो प्रैक्टिकली एक उदाहरण से समझ सकते हैं। दैनिक जीवन में हम कोई न कोई समस्या से ग्रसित रहते है इस से बचने का , मतलब  उसका सबसे आसान उपाय रहता है अपने आप्त अर्थात पूजनीय लोगों से घनिष्टता। ये उपरोक्त लोग के साथ समीपता हमें मानसिक रूप से सशक्त रख के आत्मिक सम्बल देती है।

4

आर्थिक धक्के 

पैसा क्या नही करवा सकता है पैसा आपको और कुछ न दे लेकिन समाज में एक विशेष सुरक्षा तो देता है है कभी कभी कितने असहाय होते हैं हम जब पैसा दूर होता है हमसे यूँ समझिए बीच शॉपिंग आपका वॉलेट आपके पास नही किसी भी कारण से। आपतो गये काम से।

5

धार्मिक धक्के 

ये प्रकार धक्कों की सबसे अधिक कष्ट कारी होती है

आपका सम्पूर्ण व्यक्तित्व हिला सकती है आप धार्मिक हों न हों लेकिन आचरण धार्मिक होना ही चाहिए।

धार्मिक अर्थात न्याय पूर्ण व्यवहार।अब यदि आप न्यायपालिका या न्यायिक प्रकिया या किसी भी न्यायिक संस्था से दूर हो जाएगा तो आप जानते हैं कितना अवसादग्रस्त हो जाएंगे।

एक छोटा सा उद्धरण सड़क पर बायें चलने का नियम है और आप बायें ही चल रहे लेकिन लोग फिर भी टकरा रहे जब नियम मे टकराब है तो नियम विपरीत परिस्थितियों में कैसा लगेगा।।

धक्कों की श्रेणी से परिचित हो कर कैसा लगा कृपया लिखियेगा।।

आपका मित्र धक्का विशेषज्ञ।


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