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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Others

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

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नुमाईन्दगी --

नुमाईन्दगी --

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शहर भर में मुनादी हो रही थी जोर जोर से हर 1 किलोमीटर पर । १९७० की बात है प्रान्तीय स्तर पर हर पंचायत से 3 सदस्य चाहिए 1. 1 पुरुष 2. 1 महिला 3. 1 सम्लेंगिक . लोगों को बड़ी खिच् खिच् हो रही थी . इस मुनादी से ये क्या बात हुइ ।  पुरुष महिला तक ठीक लेकिन अब ये सम्लेंगिक भी हे राम , मन्दिर के पुजारी इस बात से बहुत खफा थे । शहर के १५ मंदिरों के पुजारी एकत्र हुए सभा की , प्रस्ताव पास किया मनुष्य का धर्म नष्ट हो जाएगा। जीवन में तुफान आएगा - प्रभु के नियम का उलंघन होना करना पाप है आदि आदि । कल को ये मन्दिर के ट्रस्ट में सदस्य बनेगे । मन्दिर के काम काज मे दखल बढ जाएगा इनका । हमारा एक छत्र अनुशासन भ्रष्ट हो जाएगा ।  

मुझे सूचना मिली, तुरंत आइये। मैं पहुंचा तो आदेश होना क्रांति का , मैंने कहा कुछ नहीं सिर्फ, हामी भर दी। अध्यक्ष जी बोले ये आदेश आपके विचार से कैसे पारित हुआ होगा , मैं पॉलिटिकल मंच से जुड़ा तो नहीं था लेकिन राजनीतिक विश्लेषक होने के नाते ये सब मेरे विभाग का हिस्सा था। अपनी काया को ठीक से मंदिर की छोटी कुर्सी पर पुनः स्थापित करते हुए मैंने जबाब दिया। ५ दिन शांति रख लीजिये सब ठीक हो जायेगा। जिसने सुना सन्न रह गया बोले ऐसा कैसे। मैंने कहा ऐसा मेरा विचार है होगा कैसे ये प्रभु श्री राम जाने जिन्होंने मुझसे ऐसा कहलवा दिया। सब मेरे उत्तर से निश्चिन्त हो गए व् सभा समाप्त हो गई। 

प्रभु की माया देखिये ३ दिन बाद पुनः मुनादी हुई। सरकार का निर्णय सुनाया गया। उसमें खास बात ये थी की ऐसे नुमाइंदे जो पूर्व की सूचना अनुसार प्रस्तावित थे , उनकी शिक्षा के बारे में निति आयोग का संशोधन - यह कि महिलाओं के लिए १० वीं पास अनिवार्य , पुरुष वर्ग के लिए बी ए पास अनिवार्य व् समलैंगिक वर्ग के लिए १२ वीं अनिवार्य। उस समय के अनुसार की जन गणना के अनुसार - पूरे शहर में कुल १३ ऐसे १२ वीं पास समलैंगिक थे और उनमें से भी कुल ३ ऐसे जो की सामजिक धार्मिक व् राजनीतिक परिपेक्ष्य से जुड़े थे। 

हालांकि उनके कुल स्थान १५ बनते थे लेकिन उक्त अनिवार्यताएं पूरी न होने की स्थिति में वो स्थान रिक्त रखे जाने थे। मंदिर समिति को काफी राहत मिली अध्यक्ष महोदय ने मुझे घर आकर बधाई दी बोले तुम अब ज्योतिष कार्यालय और खोल लो। मैं धीरे से अपनी सफेद दाढ़ी मूंछों में मुस्कुरा दिया।   

  


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