दहेज़ का दानव
दहेज़ का दानव
"उसने अद्वैत से पूछ ही लिया कि आखिर मुझमें क्या कमी है जो तुम मुझे ठुकराकर मोना से शादी कर रहे हो।"
"सच ममता मैं तो रमा के साहस को देखकर दंग रह गई रमा ने पूरी महफ़िल के सामने यह प्रश्न अद्वैत से किया ,अद्वैत रमा के किसी बात का जबाव नहीं दे पा रहा था उसका चेहरा शर्म से झुका हुआ था जबकि रमा के चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक साफ़ दिखाई दे रही थी। बाहर तूफ़ानी हवाएं चल रही थी मूसलाधार बारिश हो रही थी रह-रहकर बिजली भी कड़क रही थी और अन्दर रमा की व्यंग्यात्मक कड़कती आवाज भी बिजली गिरने का भान करा रही थी उस समय बाहर तो तूफ़ान उठा ही था जो सभी देख रहे थे पर रमा और अद्वैत के मन में भी आंधियां चल रहीं थीं जो किसी को दिखाई नहीं दे रही थी।पर मैं रमा और अद्वैत के चेहरे को देखकर समझ चुकी थी कि दोनों अपने मन के तूफ़ान को अपने तरीके से रोकने की कोशिश कर रहे हैं" अद्वैत की सगाई में क्या हुआ सुरभि ने ममता को सभी बातें बताई उस समय उसके चेहरे पर गम्भीरता और आक्रोश साफ़ दिखाई दे रहा था।
"सुरभि अद्वैत ने रमा के साथ बहुत गलत किया प्यार तो वह रमा से करता था और आज सगाई मोना से कर ली उसने ऐसा क्यों किया हम सभी तो अद्वैत की कितनी तारीफ करते थे , और वह भी तो अपने व्यवहार से यही दर्शाता था कि, वह रमा से बहुत प्यार करता है और नौकरी मिलने के बाद शादी भी उसी से करेगा। अब जब उसे अच्छी नौकरी मिली तो वह रमा से किया वादा भूल गया वह ऐसा कैसे कर सकता है मैं तो यहां थी नहीं दीदी के घर गई थी इसलिए यहां क्या हुआ मुझे पता ही नहीं है आज अगर तुम नहीं बताती तो मुझे पता ही नहीं चलता कि, अद्वैत ने रमा के साथ धोखा किया है" ममता ने गम्भीर लहज़े में कहा।
"मुझे भी कहां कुछ पता चल पाया यह सब तो चोरी चोरी हो गया मुझे तो मोना ने अपनी सगाई पर बुलाया था मुझे तो यह भी पता नहीं था कि मोना की सगाई किसके साथ हो रही है मैं वहां जाना नहीं चाहती थी मोना को तो मैं वैसे भी पसंद नहीं करती पर उसने जोर देकर मुझसे कहा तो मैं चली गई जब वहां मैंने अद्वैत को देखा तो मैं भौचक्की रह गई कि जो अद्वैत रमा से प्यार करने का दावा करता था वह आज रमा को छोड़कर मोना से सगाई कर रहा है।ममता वहीं मुझे भी पता चला कि, अद्वैत पैसे के लिए रमा को ठुकराकर मोना से शादी कर रहा है यह तो हम सभी जानते हैं कि, मोना इस शहर के जाने-माने बिजनेस मैन की एकलौती बेटी है और वह तो वैसे भी कालेज में अद्वैत के पीछे पड़ी रहती थी पर उस समय अद्वैत उसकी तरफ़ ध्यान नहीं देता था पर आज उसने उसी मोना से सगाई कर ली"सुरभि ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा।
" लेकिन अद्वैत कैसे मोना से शादी करने के लिए मान गया मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है पर आज कल कुछ भी हो सकता है लोग यहां दोहरा चरित्र लिए फिरते हैं "हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और" ममता ने नफ़रत से मुंह बनाते हुए कहा।
" रमा की भाभी ने मुझे बताया कि, इस शादी के लिए अद्वैत तैयार नहीं था पर अद्वैत की मां ने उसे मजबूर कर दिया वह आत्महत्या करने की धमकी देने लगी थीं अब सच क्या है यह तो किसी को पता नहीं है पर जब रमा वहां अद्वैत से पूछ रही थी तो अद्वैत के चेहरे पर शर्मिंदगी के भाव साफ़ दिखाई दे रहे थे।जिसे देखकर साफ़ पता चल रहा था कि,वह स्वयं मोना से शादी करना चाहता है वरना उसके चेहरे पर शर्मिंदगी न दिखाई देती जो व्यक्ति मजबूरी में कोई काम करता है तो उसके चेहरे के भाव ही बता देते हैं कि वह मजबूर है पर अद्वैत के चेहरे पर दुःख नहीं शर्मिंदगी थी। इससे पता चलता है कि, वह स्वयं पैसे और स्टेट्स की लालच में मोना से शादी कर रहा है" सुरभि ने ममता को सगाई का सचित्र वर्णन कर दिया।
बाहर अभी भी बारिश हो रही थी ममता और सुरभि खिड़की के पास आ गई और खिड़की खोल दी बारिश की बौछार उनके चेहरे को भिगोने लगी तभी सुरभि ने दुखी होकर कहा" ममता बारिश का मौसम रमा को कितना पसंद है पर इस बार का सावन रमा के लिए दुखों की बरसात लेकर आया है" सुरभि ने दर्द भरी आवाज में कहा
" तू ठीक कह रही है पर शायद ईश्वर ने रमा के लिए कुछ अच्छा सोच रखा हो क्योंकि सभी कहते हैं कि, जोड़ियां भगवान बनाता है अद्वैत रमा के लिए नहीं बना था इसलिए ऐसा हुआ" ममता ने लम्बी सांस लेकर कहा इसके बाद दोनों चुप हो गई सावन अभी भी झूमकर बरस रहा था।