Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

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धैर्य धरें-हिम्मत न हारें

धैर्य धरें-हिम्मत न हारें

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आज कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर लगभग समाप्त होने के करीब है ।लोगों और उम्मीद पास और कुछ राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कई नेताओं के वक्तव्य से गुमराह होकर हमारे देश भारत में कोरोना वैक्सीन लगवाने की गति काफी कम रही थी। कोरोना की इस दूसरी की लहर में मौत की विभीषिका को देख कुछ सकारात्मक विचारों से लोगों के मन में जागरूकता आई है और लोग वैक्सीन लगवाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। सभी लोग बारी के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। को विन एप पर पंजीकरण और वैक्सीन लगाने के लिए अपने लिए समय सारणी में जगह प्राप्त करने के लिए लोग स्मार्टफोन- इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं । लोगों में वैक्सीन लगवाने के लिए जो उत्साह है उसके चलते उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए नियत समय प्राप्त करना एक मुश्किल सा कार्य लग रहा है। हमारे लिए यह बड़े ही गौरव की बात है कि आज हमारा देश वैक्सीन लगाने वाले दुनिया के प्रमुख देशों में से एक बन चुका है।

इंटरनेट के माध्यम से जब वैक्सीन लगाने के लिए अपने बेटे के लिए मैं समय सारिणी में स्थान न पा सका ।साथ ही यह जानकारी मिली की टीकाकरण केंद्र पर जाकर के भी रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है । आज 29 जून ,2021 को ऐसे टीकाकरण के पहुंचा जहां 18 से 44 वर्ष के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा था। मेरे बेटे की आयु 21 वर्ष है और प्रातः काल वह अपनी कक्षाओं में व्यस्त रहता है । केवल आधार कार्ड दिखलाने पर उसके लिए पंजीकरण आज की तिथि में टीकाकरण के बाहर खड़ा हुआ था। पंक्ति में एक सज्जन जो मुझसे कतार में थोड़ा आगे खड़े थे । वे पीछे मुड़कर कहने लगे कि अभी जहां पर मैं खड़ा हूं यहीं तक के लोगों को टीका लगेगा। इसके पीछे के लोगों को अब टीका नहीं लगेगा क्योंकि जितने लोगों को टीका लगना है वह संख्या मेरे तक पूरी हो चुकी है। आप लोगों को अपने अपने घर चले जाना चाहिए । मैंने लोगों से थोड़ा धैर्य धारण करने के लिए कहा कि पंक्ति की व्यवस्था देखने वाला कोई व्यक्ति आएगा तब वह इस संबंध में जानकारी देगा। कुछ लोग तो उन सज्जन की बात सुनकर अपने घर जाने के लिए तैयार होने लग गए थे ।थोड़ी देर में सिविल डिफेंस वालंटियर और पुलिसकर्मी आए। उन्होंने सभी से पंक्ति में सामाजिक दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया और जहां तक सज्जन खड़े थे उसके पीछे खड़े हुए लोगों को भी उन्होंने आज की टीकाकरण कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए उनका उनको पंजीकरण नंबर देना प्रारंभ कर दिया। लोगों ने एक दूसरे की ओर प्रसन्नता की दृष्टि से देखा। मेरे प्रस्ताव पर उन्होंने धैर्य धारण किया था और धारण करने के लिए उन्हें मृदु स्वाद सा अनुभव हो रहा था । कहां तो उनमें से कई लोग उन सज्जन की बात सुनने के बाद अपने घर पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे। उन्हें निश्चित ही अगले दिन आना पड़ता। स्वयं धैर्य धारण करने करने और दूसरों को भी धैर्य धारण करने के लिए प्रेरित करने का एक मुझे बड़ा ही सुखद अनुभव हुआ।

बेटा अपनी कक्षा से निवृत्त होकर जलपान करके अपनी बारी पर टीकाकरण के लिए केंद्र के अंदर पहुंचा तो वहां जिन लोगों ने अपना ऑनलाइन समय सारणी में समय ले रखा था उन्हें टीकाकरण में वरीयता दी जा रही थी जिन्होंने तुरंत आकर अपना पंजीकरण करवाया था उन्हें कुछ ज्यादा ही प्रतीक्षा करनी पड़ रही थी। बेटा काफी देर से काफी देर से प्रतीक्षा कर रहा था उसने केंद्र के अंदर से ही मुझे फोन किया कि यहां मैं काफी देर से इंतजार कर रहा हूं और मुझे लगता है आज मेरा नंबर नहीं आएगा क्योंकि तीन बार ऐसा हो चुका है कि मेरा वैक्सीन लगने का नंबर ताजा अगर तथा उसी समय ऐसा कोई व्यक्ति आजाद आज इतने ऑनलाइन अपने समय सारणी के अनुसार समय ले रखा है उसको टीका लग जाता था लगता मुझे बाहर आ जाना चाहिए और ऑनलाइन समय लेकर के ही टीकाकरण केंद्र पर जाना चाहिए मैंने उसको धीरज बंधाया जब तुमने इतनी प्रतीक्षा की ही है तो थोड़ी देर और प्रतीक्षा कर लो संभव है कि यह जो तुमने परिश्रम किया है यह सफल हो जाए क्योंकि यदि तुम केंद्र के बाहर आ जाते हो तो अभी जितनी तुमने मेहनत कर रखी है वह मेहनत व्यर्थ हो जाएगी थोड़ी सी तो देर की बात है पता लग जाएगा। और इंतजार करने के बाद भी वैक्सीन नहीं लग पाएगा तब हम ऑनलाइन समय लेकर तुम्हें उसके अनुसार केंद्र में भेजेंगे । भाई धान करो कभी-कभी सफलता और असफलता के बीच बहुत थोड़ा अंतर रह जाता है और कभी ऐसा लगता है कि अंत में हिम्मत हारने से जो पहले समय लगाया था वह निष्फल हो जाता है। थोड़ी प्रतीक्षा कर लो हो सकता है सफलता तुम्हारे हाथ लग जाए। बेटा मेरे प्रस्ताव से सहमत हुआ। उसने कुछ देर और प्रतीक्षा करने की मेरी बात मान ली।

घर का फोन राया मथुरा होता है बात होने के बाद 15 मिनट और प्रतीक्षा करने के बाद उसका वैक्सीनेशन हो गया ।उसने फिर मुझे फोन किया उसकी आवाज में सफलता की मधुर झंकार झंकृत हो रही थी। उसने कहा आपने मेरा जो उत्साहवर्धन किया उसके कारण मैं में और अधिक प्रतीक्षा कर सका। आपकी और मेरी दोनों की मेहनत सफल भी हो गई। यदि मैं धीरज खोकर बाहर आ जाता तो हमारी यह मेहनत निष्फल हो जाती। आज के इस अनुभव से मैंने यह सीखा कि हमें हिम्मत नहीं हारना चाहिए ।अपने पूरी शक्ति और धैर्य के साथ अपनी योजना के कार्यान्वयन में संलग्न रहना चाहिए। हमारी यह मेहनत दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।


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