देहरी
देहरी
पवन यह सोच कर शहर रिक्शा चलाने आया था कि वह कुछ पैसे कमा कर घर भेजेगा। लेकिन शहर में दो वक्त की रोटी में ही सारी कमााई चली जाती थी। गाँव में उसकी पत्नी और बूढ़ी माँ राह देख रहे थे। किंतु पवन गाँव वापस जाने लायक पैसे भी जमा नहीं कर पा रहा था।