डर
डर
बहुत पुराने समय की बात है एक गॉंव में एक पति पत्नी दोनों मिट्टी के कच्चे मकान में रहते थे। पत्नी घर में ही काम करती थी और पति बाहर मजदूरी करता था और थोड़े बहुत पैसे कमाता था और उन पैसों से अपने घर का खर्चा चलाता था। लेकिन वह आदमी बहुत कंजूस था वो अपनी पत्नी से एक एक पैसे का हिसाब मांगता था इस लिए उसकी पत्नी उस से बहुत ज़्यादा डरती थी। एक दिन अँधेरी काली रात में उसका पति हांफता हुआ आता है और अपनी पत्नी को दस हजार रूपये देता है और कहता कि मैं दो दिन लिए कहीं जा रहा हूँ इन पैसों को संभाल कर रख देना, दो दिन बाद तुम से वापस ले लूंगा और इतना कह कर घर से चला जाता है। उसके जाने के बाद उस की पत्नी चूल्हे में आग जला कर खाना बनाने लग जाती है और उन पैसों को वही चूल्हे के पास रख लेती है और रोटी बनाते हुए वो पैसे आग से जल जाते है पैसे जलने के कारण वो बहुत डर जाती है के ये बात जब उसके पति को पता चलेगी तो वो उसको बहुत मारेगा पीटेगा। इस लिए वो घर के अंदर एक कोठरी में फाँसी का फंदा लटकाती है और उस फाँसी के फंदे से कहती है कि मैं थोड़ी देर के बाद वापस आउंगी वो ये बात उस फाँसी के फंदे से तीन बार कहती है कि मैं वापस आऊंगी आऊंगी आऊंगी और वो दूसरे कमरे में आकर घर का काम करने लग जाती है।
दो चार घंटे बीत जाने पर भी वो फाँसी के फंदे के पास नहीं जाती है क्योंकि उसने मरने का फैसला छोड़ दिया था और वो आराम से सो जाती तभी अचानक से आधी रात को वो फाँसी का फंदा खुद चल कर उस औरत के पास आता है और कहता है कि तू वादा कर के आई थी अभी तक तेरा काम खत्म नहीं हुआ और फाँसी का फंदा उस औरत के गले में कस जाता है और उसको लटका कर उसी कोठरी में चला जाता है और उसकी लाश तड़पती हुई उस फंदे पर दो दिन तक लटकी रहती है, और जब उसका पति दो दिन बाद घर आता है तो अपनी पत्नी को आवाज लगाता है लेकिन वो नहीं आती है ... जब वो कहीं नहीं दिखती है तो उसका पति उसको घर में तलाशने लगता है और अचानक से वह उस कोठरी के दरवाजे को खोलता है और अपनी पत्नी
को देख कर दंग रह जाता क्यों कि उसकी जीभ और दोनों आँखें बहार निकली हुई थी और वह इतना डर जाता है कि वही पर वो भी मर जाता है। गॉंव वालों को कभी ये पता नहीं चला की उन दोनों की मौत का कारण क्या था ... और उस घर को हमेशा के लिए बंद कर दिया .. कहते हैं कि आज भी उस घर में उन पति पत्नी की आत्मा भटकती है ।