डॉक्टर बनने का जुनून
डॉक्टर बनने का जुनून
किसी गांव में एक गरीब व्यक्ति रहता था। उसका एक बेटा था । वह किसी के साथ अपनी जिंदगी बिताने में खुश था ।उसके पिता जी रोज शहर जाया करते थे। फुटपाथ पर सोते थे अपने उस बच्चे को लेकर,रात में एक दिन उन्होंने देखा कि बहुत से गरीब लोग यहा पर हैं,और रो रहे हैं। वह बालक ये सब देखकर बहुत ही दुखी हुआ। उन्होंने सोचा की भगवान ये सब देखने को क्या मिल रहा है ।बालक अपने गरीबी को दूर करने ,और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए किसी होटल में काम करने लगा ।
होटल के बगल में एक हॉस्पिटल था ,होटल मालिक ने उससे " हॉस्पिटल में चाय भेजवाया " ,डॉक्टर ने देखा और उस झिझक कर बोला " अरे गरीब तू जल्दी से निकल जा यहां से" ।
बालक पूछा क्यों ? डॉक्टर "इतना गन्दा कपड़ा पहने हो जाओ जल्दी से ।" बालक रोते हुए चुप चाप अपने काम में लग गया ।
वह बालक उस डॉक्टर को बहुत ही खामोशी के साथ जवाब दिया ,"ठीक है मैं चला जाता हूं लेकिन एक दिन मैं इसी हॉस्पिटल में आप से भी ऊपर बैठूंगा तब देखना कि मैं कितना गन्दा हूं । "
डॉक्टर ने उस बालक की बात को सुना और उसके बातों पर यकीन नहीं किया सोचा कि एक गरीब ऐसा कैसे कर सकता है , जिसके पास कपड़े भी पहनने के लिए नहीं है ।बालक ने अपनी पढ़ाई और काम साथ साथ करना शुरू कर दिया और मन लगाकर पढ़ाई की उनके पास जितने भी पैसे आते थे सभी पैसों से अपनी किताबें खरीद लेता था और कहीं भी रहता था किताब को हमेशा पढ़ता रहता था ।
एक दिन वहीं बालक उसी हॉस्पिटल के मेन अधिकारी बनकर हॉस्पिटल में गया , और जो डॉक्टर उनको भगाया था वहां से वह बूढ़ा हो चुका था । उन्होंने जब उसे देखा तो बोला कि मुझे आप पहचान रहे हैं की नहीं डॉक्टर ने बोला कि नहीं मैं आपको नहीं पहचान रहा हूं । बालक ने बोला कि मैं वही बालक हूं जिनको आप आठ साल पहले यहां से गंदे बना कर भगा दिए थे ।
डॉक्टर ने देखकर बहुत ही खामोश हो गया, और अपने मन में सोचा की सच में यही लड़का था , जो आज अपने जिद को पूरा कर दिया और किसी को सबक सिखा दिया।
