Sushama Kumari

Others

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दो बैलों की कथा

दो बैलों की कथा

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झुरी नाम का एक किसान रहता था । उसके पास दो बैल रहते थे । हीरा और मोती। हीरा समझदार था । दोनो एक ही नाद में अपना भोजन करते थे । झुरी उन दोनो बैलों से बहुत प्यार करता था ।उनको कभी मरता भी नही था । झुरी की पत्नी का भाई एक दिन उन दोनों। को अपने गांव ले जाने लगा । दोनो बैल उदास हो गए । और वे नहीं जाना चाहते थे। लेकिन उन्हों ने ले जाने लगा तो वे बहुत परेशान किए। गयाराम उन दोनों को अपने घर ले जाने के बाद रूखा सूखा भोजन दिया। वे दोनों बैल नहीं खाए । क्योंकि उनको अच्छा नहीं लगता था। वे अपना घर छोड़ चुके थे । गयाराम की बेटी रात में उनको रोटी खिलाई ।वे दोनों बैल खुश हो गए ।लेकिन उनका मन नहीं लगता था। 

क्योंकि उनको झुरी की तरह कोई प्यार नहीं कर रहा था।  वे दोनों बैल उनके से घर रात में निकल गए ।रास्ते में उनको एक सांड मिला जो उनको परेशान करने लगा । हीरा समझदार था । दोनो बैलों ने उनकी सामना करके अपने घर आने लगे । अपने गांव आने में उन दोनों बैलों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । जब दोनों बैल घर आए तो ,झुरी ने दोनों के माथे चूमने लगा । दोनों को बहुत ही प्यार से भोजन दिया । 

इसका मतलब यह था कि पशु भी प्यार करते हैं ।



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