गरीब की दिवाली
गरीब की दिवाली
एक गांव में लालू नाम का आदमी रहता था । वह बहुत गरीब था। उसके घर खाने का भी कोई चीज नहीं था। और उसका बड़ा भाई मनोहर बहुत अमीर था। दिवाली आई चारों ओर पटाखे फूट रहे थे। लालू अपने भाई के पास मदद के लिए गया । उस दिन उसका भाई भी उसका साथ नहीं दिया। लालू उदास अपने घर लौट रहा था। तभी रास्ते में एक बूढ़ा दिखाई दिया। बूढ़े ने पूछा "क्या हुआ बेटा इतना उदास क्यों लग रहे हो आज तो दिवाली है आज तो खुश होना चाहिए था।" तो लालू ने जवाब दिया "काहे की होली दाऊ। आज तो मेरा भाई भी मेरा साथ नहीं दिया। हमारा परिवार भूखा मर रहा है।" तो फिर बूढ़े ने जवाब दिया "बेटा मेरा यह लकड़ी का गट्ठर घर पहुंचा दो तो मैंने जो दूंगा उससे तुम अमीर हो जाओगे।" लालू ने लकड़ी का गट्ठर उसके घर पहुंचाया। घर पहुंच कर बूढ़े ने एक उसे मालपुआ दिया और बोला "लो बेटा जंगल में चले जाना वहां पेड़ के सामने एक गुफा दिखेगा उसके अंदर चले जाना और उसमें तीन बौने रहते हैं तुम यह मालपुरा उनको दे देना और उनसे धन मत मांगना। उनसे केवल जादुई चक्की मांग लेना।" लालू बोला "ठीक है।" लालू गुफा में पहुंचकर बावने को मालपुआ दिया। तो एक बौना बोला , "तुम्हें क्या चाहिए?" लालू ने उससे जादुई चक्की मांगी।बौने ने उसे जादुई चक्की दे दी। जब लालू चल दिया तब बौना बोला। कि इसे मामूली चक्की मत समझना। जो तुम चाहोगे इससे प्राप्त कर लोगे।