नंदू हाँ यही संबोधन मिला था उसे बचपन से! वैसे उसका नाम नंदिता था. नंदू हाँ यही संबोधन मिला था उसे बचपन से! वैसे उसका नाम नंदिता था.
एक दिन वहीं बालक उसी हॉस्पिटल के मेन अधिकारी बनकर हॉस्पिटल में गया एक दिन वहीं बालक उसी हॉस्पिटल के मेन अधिकारी बनकर हॉस्पिटल में गया
कल रात गहरी नींद सोया था क्योंकि शंका के बादल छट गए थे। कल रात गहरी नींद सोया था क्योंकि शंका के बादल छट गए थे।
फ़ातीमा घर की पहली लड़की थी। जो नका़ब से बाहर आकर पढ़ना लिखना चाहती थी । फ़ातीमा घर की पहली लड़की थी। जो नका़ब से बाहर आकर पढ़ना लिखना चाहती थी ।
सब तो अपने थे, अर्जुन को कुछ समझ न आ रहा था कि क्या करे, क्या न करें। सब तो अपने थे, अर्जुन को कुछ समझ न आ रहा था कि क्या करे, क्या न करें।
संयोग देखिए दो दुःखी आत्माओं का मिलन ईश्वर ने कैसे कराया। संयोग देखिए दो दुःखी आत्माओं का मिलन ईश्वर ने कैसे कराया।