STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Abstract Comedy

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Abstract Comedy

डायरी जून 22

डायरी जून 22

4 mins
233

डायरी सखी, 

तुमने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि सौ सुनार की और एक लुहार की। सुनी है ना। मुझे पता था, जरूर सुनी होगी। तो आज "लुहार" ने एक चोट मार ही दी। तुम ये तो जानती ही हो कि "लुहार" जब कोई चोट मारता है तो चोट खाने वाले को अपनी "सात पुश्तें" याद आ जाती हैं। आज एक बार यह कहावत फिर से चरितार्थ हो गई है सखी। 

सखी, ये तो तुम्हें पता है ही कि कुछ "शांतिप्रय" लोगों ने एक राजनीतिक दल की प्रवक्ता के किसी बयान को आधार बनाकर पूरे देश में आग लगाने का जो घिनौना षड्यंत्र रचा है और एक सोची समझी साजिश के तहत हर "पत्थरवार" को कुछ निश्चित जगहों पर पत्थर, ईंट, तलवार, बम, राइफल और पेट्रोल बम से हमले किए गये, दंगा कराने का प्रयास किया गया, देश की एकता और अखंडता को तोड़ने का प्रयास किया गया, वह बहुत ही निंदनीय कार्य है। इस विध्वंसात्मक कार्य में कुछ राजनीतिक दल, सेकुलर्स और जेहादी तत्व शामिल हैं जिनकी पहचान उत्तर प्रदेश की पुलिस कर रही है और उन तत्वों का इलाज भी कर रही है। 

ऑप इंडिया की खबर के अनुसार प्रयागराज में जो गत "पत्थरवार" को शांतिप्रिय समुदाय द्वारा जबरदस्त पत्थरबाजी और हिंसा की गई थी उसका मास्टरमाइंड एक राजनीतिक दल का पदाधिकारी जावेद अहमद पम्प था। यह जावेद पंप पूर्व में भी बहुत से मामलों में लोगों को भड़का चुका है। पी एफ आई से भी इसके तार जुड़े बताये गये हैं। 

इस जावेद पंप की एक बेटी है आफरीन फातिमा। वह पहले अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की छात्र नेता रही थी और अब वह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की भी छात्र नेता है। इतने परिचय से समझ में आ गया होगा सखी कि आफरीन फातिमा का व्यक्तित्व कैसा है ? दो बातें और बताना चाहता हूं इसके बारे में सखी कि यह आफरीन फातिमा संसद हमले के मुख्य अपराधी अफजल गुरू को बिल्कुल निर्दोष मानती है और अफजल गुरू को फांसी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को दोषी मानती है। इतना ही नहीं राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी एकदम गलत, पक्षपाती और सांप्रदायिक मानती है। तो अब तुम्हें पता चल चुका होगे सखी, कि ये आफरीन फातिमा और इसका बाप जावेद पंप कौन लोग हैं। 

इस आफरीन फातिमा ने जेहादी शरजील इमाम के साथ "शाहीन बाग" की साजिश में पूरा योगदान दिया और CAA के विरोध में प्रयागराज में भी उग्र आंदोलन चलाया था। ये तो तुम जानती ही हो कि यह शरजील इमाम वही आतंकी है जो भारत से असम और दूसरे राज्यों को अलग करने का भाषण दे रहा था शाहीन बाग में। और दिल्ली दंगों का साजिश करने वाला भी है जो अभी जेल में बंद है। यह मोहतरमा वर्तमान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी अक्सर गाली देती आई है। इसका मतलब यह हुआ सखी कि इन बाप बेटियों ने "सौ सुनार की" तरह अब तक खूब चोट की थीं। 

अब "लुहार" ने भी ठान लिया था कि इस जैसी आतंकी विचारधारा वाले लोगों की अक्ल ठिकाने लगानी है। तो उसने इनके अवैध निर्माण पर 10 मई 2022 को एक नोटिस भेजा जिसमें कहा गया कि 24 मई को अवैध निर्माण पर अपना स्पष्टीकरण दें। अब ये तो तुम जानती ही हो सखी कि इन लिबरलों को न तो संविधान और न ही न्यायालय पर यकीन है तो इन्हें विकास प्राधिकरण पर,कैसे यकीन होगा ? इसलिए ये न तो जवाब देते हैं और न ही वहां पर हाजिर होते हैं। इसलिए आज इसके आलीशान महल पर एक साथ दो दो बुलडोजर चले और इनका पूरा गरूर जमींदज कर दिया गया। पूरे देश में हर्ष का माहौल छा गया सखी, और लोगों ने आज एक बार फिर से "गर्मी में सर्दी" का मजा लिया। 

सखी, ये बुलडोजर केवल इसके मकान पर ही नहीं चला है, अपितु ये बुलडोजर हर उस व्यक्ति के दिल पर भी चला है जो आतंकवादियों, उन्मादियों, जेहादियों, उपद्रवियों को "बेचारे मासूम" बताकर उनके समर्थन में खड़े हो जाते हैं और जो सेकुलरिज्म, गंगा जमुनी तहजीब के नाम पर अपना एजेंडा चलाते हैं। इसमें खैराती पत्रकार और चापलूस मीडिया हाउस भी शामिल हैं। आज ये सब के सब नौ नौ आंसू गिरा रहे हैं। सच में सखी इन आंसुओं की बरसात से जून में भी "शिमला" का अहसास हो रहा है। 

मेरा तो निवेदन है कि लुहार को चाहिए कि ऐसी चोट और मारते रहें जिससे इन सुनारों की चोट कहीं दब जाये। और ये जो लिबरल आंसू गिर रहे हैं न, ये आंसू हमें अच्छे लगे सखी। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract