दबाव

दबाव

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"राकेश...शाम को फिर आ जाना, शादी मे साथ ही चलेंगे.... वहीं से मुझे एयरपोर्ट छोड़ देना..." रिश्तेदार के घर पहुंच कर आहूजा सर ने कहा।

"सर..आज बिटिया का जन्मदिन है। आज मै कैसे आ पाऊँगा?"

"अरे वाह...मेरी तरफ से शुभकामनाएँ। चलो, तुम रहने दो.. राजीव मुझे ड्राप कर देगा। इस बहाने उसका इस साल का अप्रेजल भी हो जायेगा। तुम्हारा फिर देख लेंगे"

अचानक से एक कुत्ते की कैं कैं वातावरण में गूंज उठी....शायद उसके मालिक ने जोर से उसकी रस्सी खींच दी थी जिससे कुत्ते का गला दब गया था। राकेश को वहीं दबाव अपने गले पर महसूस हुआ। टाई की गांठ ढीली करते हुए राकेश बोला।

"वैसे आज दीदी जीजाजी भी आयेंगे, तो वो अच्छे से घर की पार्टी संभाल लेंगें.... मै ही आता हूँ सर आपके साथ।"


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