दादी मां
दादी मां
जो बीत गया है समय वो वापस नही आता किसी ने सच ही कहा है इस नश्वर संसार में जो आया है उसे जाना ही होगा ये बात सत्य है लेकिन कभी भी किसी की कमी पूरी नही हो सकती है बचपन में बच्चा सबसे ज्यादा माता पिता के बाद दादी के पास रहता है उनकी कहानियां और उनके द्वारा बताई गई वो बाते जो एक सफल जीवन में उपयोगी है उनके साथ बिताए प्रत्येक पल खुशियों से भरा हुआ होता है लेकिन अचानक उनका यू चले जाना अत्यंत दुखद होता है आज दादी को गुजरे हुए 1 साल हो गए हैं लेकिन आज भी ये अहसास होता जैसे वो आसपास ही है बीते कुछ सालों में मेरा जीवन विभिन्न स्थानों पर जाना आदि रहा है लेकिन जब भी किसी काम के लिए घर से बाहर जाता था तो हमेशा उनसे मिलकर जाना आते ही उनसे मिलना एक सुकून सा होता था पर आज कही जाता हु तो एक पल के लिए तो दादी से मिलने के लिए इच्छा होती हे लेकिन जब वो जगह वो स्थान को देखता हु जहा हमेशा रहती थी तो वो खाली मिलता है तो याद आता है की वो हमारे बीच वास्तविक शरीर के रूप में नही है अब सिर्फ अपने आशीर्वाद और कल्पना में ही है कभी पुरानी बाते और दादी की कहानियां याद आती तब ये विश्वास करना मुश्किल है कि वो अब बो हमारे बीच नही है उनका साथ इतना ही था जब 17 जुलाई 2021 को सुबह ही ये समाचार प्राप्त हुआ की दादी मां अब इस दुनिया में नही है तो एक पल लिए तो विश्वास ही नहीं हुआ की ऐसा सच में हो गया क्योंकि 2 दिन पहले उनकी तबियत और शरीर बिलकुल स्वस्थ था कभी अपनी देखभाल के लिए दूसरों की सहयता नही ली 89 वर्ष की आयु में ही शरीर में इतनी ताकत थी की वो अपना कार्य खुद आसानी से कर सकें उतनी ताकत आजकल महिलाओं में मुश्किल है उनका जीवन सदेव संग्रशो से भरा रहा हे उसके बाद भी हार नही मानी अपने कार्य और अपनी वाणी से अपनी अलग पहचान बना ली
जब उनके नही होने की सूचना मिली तो एक पल के लिए गांव ही शौक में चला गया था उनका निधन 17 जुलाई 2021 (1:45am) को हुआ वास्तविक में वो दिन अति दुखमय था
भले ही आज भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं लेकिन कल्पनाओं और आशीर्वाद में हमेशा साथ है