Ramdev Royl

Children Stories

4.5  

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बीकानेर की यात्रा

बीकानेर की यात्रा

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22 नवंबर 20019 को समग्र शिक्षा अभियान के तहत चुरु जिला में सभी ब्लॉक के चयनित बच्चों को बीकानेर की यात्रा का निर्णय लिया गया! जिसमें विभिन्न ब्लॉक के बच्चों को सूचना दी गई! जिसमें सरदार शहर से में भी शामिल था! आदेशानुसार 25 नवंबर को हम सब बीकानेर के लिए 3 बस में रवाना हुए! फिर रास्ते में थोड़ा रुके, वहीं पर नाश्ता किया ओर आगे चल दिए! फिर 3 घंटे के सफर के बाद हम बीकानेर पहुंचे वहां हम स्काउट गाइड के एरिया में रुके और वहा खाना खाने के बाद थोड़ी देर आराम किया! और हमारे साथ हमारे शिक्षक भी साथ थे! शाम को वही पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर को देखने गए! वहा हमने शिव की पूजा की ओर शिव की विशाल प्रतिमा लगी थी उसे देखा ओर आनंद लिया फिर वापस वहा आ गए जहां हम रात को ठहरना था! रात में लेट तक सभी दोस्त मिलकर मस्ती की ओर फिर सुबह हमने सबसे पहले महाराजा गंगा सिंह म्यूजियम गए! वहा सब साथ में सेल्फी ली ओर अंदर चले गए! वहा हमने विभिन्न इतिहासिक हथियार तलवार महाराजा गंगा सिंह की प्रतिमा ओर विशाल चित्र दर्शाए गए थे! ओर राजाओं के अस्त्र शस्त्र आदि थे! ये सब देख कर अत्यधिक खुशी महसूस हो रही थी! मेरे समस्त दोस्त आंनद ले रहे थे तो कुछ फोटो खींच रहे थे फिर पूरा देखने के बाद हमने बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह का महल जूनागढ़ देखने का निश्चय किया ओर वहा से चले

फिर जूनागढ़ पहुंचे वहा भी सबसे पहले सब साथ में सेल्फी ली ओर फिर अंदर प्रवेश किया तो उसके मुख्य द्वार पर दो हाथियों की विशाल प्रतिमा लगी थी!

फिर आगे चले तो एक विशाल लड़ाई के समय काम आने वाला तोप पड़ा था जो काफी भारी था वहा सब खुश नजर आरहे थे ओर कुछ फोटो खींच रहे थे !आगे चले वहा राजाओं के रसोई आदि का चित्रण था ओर आगे राजाओं के सोने का स्थान था ओर आगे विभिन्न प्रकार के हथियार थे तलवार गधा तोप अन्य अनेक ऐसे हथियार थे जिसे देख कर अत्यधिक खुशी महसूस हो रही थी! उन हथियारों को देख कर ऐसा लग रहा था कि इतने पुराने नहीं बल्कि कुछ ही साल पहले के है चारों तरफ से देखा सब देखने के बाद बाहर आकर फोटो खींच ओर वापस चल दिए अपने अपने शहर की ओर इस यात्रा में मजा बहुत आया! हमारे साथ चूरू ब्लॉक के शिक्षा अधिकारी और विशेष टीचर साथ थे ओर इसमें मेरे दोस्त ओर सब ने मिलकर बहुत मस्ती की ओर 26 तारीख को 5 बजे वापस आ गए ये मेरी मेरे गुरुजनों के साथ बीकानेर की पहली यात्रा थी!



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