Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Inspirational Thriller

3  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Inspirational Thriller

द सीक्रेट ऑफ पलामू फोर्ट

द सीक्रेट ऑफ पलामू फोर्ट

4 mins
425


जिज्ञासा को रहस्यमयी कहानियां पढ़ने का बड़ा ही शौक है।वह आज कक्षा में साथियों को बता रही थी- " जो कहानी हमारी उत्सुकता जगाए रखे उसे पढ़ने में अत्यंत आनंद की अनुभूति होती है। जब आगे की कहानी हमें पता होती है तो हम उस पर विशेष ध्यान नहीं देते इस दुनिया में कहीं पर कुछ भी हो उसे जानने की उत्सुकता हमें इससे बांधे रखती है जबकि किसी चीज के बारे में पहले से जानकारी होने पर उसमें हमारी रुचि ही नहीं होती। देवकीनंदन खत्री के अय्यारी अर्थात जासूसी के उपन्यास इतने लंबे समय बीत जाने के बादके बाद भी लोगों में प्रिय हैं। बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के प्रथम गद्यकार एवं उपन्यासकार देवकीनंदन खत्री 19वीं सदी के प्रखर गद्य लेखक होने के साथ-साथ समाजसेवी भी थे। उनका जन्म 29 जून 1861 को हुआ था। चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, काजल की कोठरी ,नरेंद्र - मोहिनी ,कुसुम कुमारी ,वीरेंद्र वीर ,गुप्त गोंडा , कटोरा भर खून और भूतनाथ इनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं। इन उपन्यासों में तिलिस्मी रहस्यों के कारण इनके उपन्यासों में लोगों की रूचि आज भी बनी हुई है। इनकी पटकथा इतनी उलझी हुई है कि पाठक को उपन्यास पढ़ते समय बीच-बीच में फिर पीछे जाकर उसका हनी को अच्छी तरह समझने के लिए दोहराना पड़ता है। इससे इन्हें पढ़ने में हर समय रुचि बनी रहती है। फिल्मों की पटकथा भी कुछ ऐसी ही लिखी जाती है कि फिल्म रितेश में दर्शक के मन में उत्कंठा बनी रहती है कुछ ऐसे रहते हैं जिनमें दर्शको को काफी देर तक यह संदेह रहता है कि इसके पीछे क्या रहस्य है? हमराज यह बहुत सारी फिल्मों में कातिल का काफी देर में पता लगता है । पहले इस रहस्य बना रहता है कि आखिर हत्या किसने की? ब्योमकेश बक्शी की भी जादुई कहानियां पाठकों को उलझाए रहते हुए उनकी की जिज्ञासा बनाए रखकर उन्हें मनोरंज बनाती हैं। आज के समय में भी इनके लोकप्रिय था अभी भी बरकरार है। स्टोरी मिरर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित अंग्रेजी भाषा में लिखी गई "राजी "की कहानी "द सीक्रेट ऑफ पलामू फोर्ट" भी एक रहस्यमयी कहानी है जो लेखक की कल्पना और पौराणिक कार्यों का संयोजन है। यह झारखंड की रहस्यमयी भूमि में स्थित पलामू के किले के डरावने खंडहरों की कहानी है। किले से कुछ सौ किलोमीटर दूर झारखंड की राजधानी रांची में इतिहास उनके घर में हत्या हो जाती है। लोगों के अनुसार उनकी हत्या किसी भूत ने की है ऐसा माना जाता है। जासूस राबिन के पास इस रहस्य को सुलझाने के लिए एक कलाकृति के अलावा कुछ भी नहीं है और इस कलाकृति के बारे में भी यह कहा जाता है कि उस पर एक प्राचीन अभिशाप है ।इसमें जासूस राबिन और उसके साथी घातक रहस्यों से भरपूर एक साहसिक भुलैया में पहुंचते हैं।" 

" फिर क्या होता है? जिज्ञासा बहन।"- सुबोध ने अपनी उत्सुकता जाहिर करते हुए पूछा।

जिज्ञासा बोली -"भैया सुबोध !अगर आपको पहले ही पूरी कहानी का बोध करा दिया गया तो तो इसके रहस्य का आनंद ही समाप्त हो जाएगा । इसके लिए आपको या हमारा हमारे जिन साथियों को इस अनूठी कथा के आनंद रूपी सागर में डुबकी लगानी है वे स्वयं पुस्तक को पढें रेसिका आनंद लें ।किसी भी व्यंजन के स्वाद का वर्णन करके उसे समझाया नहीं जा सकता ।वास्तविक स्वाद तो व्यंजन को ग्रहण करने के बाद ही पता लगता है और जिसको स्वाद का पता लग भी जाता है उसके लिए यह अवर्णनीय है। किसी रहस्यमयी घटना या गुप्त रहस्य का आनंद उसके रहस्य में ही निहित होता है यदि रहस्य ही समाप्त हो गया तो वह नीरस हो जाता है।"

प्रकाश ने जिज्ञासा की राय में अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा -" सच कहा जिज्ञासा बहन ने , कहा जाता है कि आप अपना कार्य पूरी शांति से करें ताकि जब आपको सफलता मिले तो उसकी चर्चा दूर-दूर तक हो। आप उन लोगों में से बनें जो करके दिखाते हैं कहते नहीं। राम ने रावण से युद्ध में आमना-सामना होने पर उसे तब समझाया जब रावण डींगे हांक रहा था ।तो राम ने रावण से कहा कि संसार में गुलाब आम और कटहल के समान तीन प्रकार के लोग होते हैं ।पहले गुलाब की तरह जो केवल फूल देते हैं फूल नहीं अर्थात ऐसे लोग जो केवल बातें करते हैं कुछ करते नहीं। दूसरे आम की तरह जो फूल और फल दोनों ही देते हैं अर्थात ऐसे लोग जो कहते भी हैं और उसे सच करके भी दिखाते हैं और तीसरे कटहल की तरह जो केवल फल देते हैं फूल नहीं । इस श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं अर्थात जो सीधे कार्य करके दिखाते हैं निरर्थक प्रलाप नहीं करते। बेहतर हो कि हम सब तीसरे तरीके व्यक्ति बन कर दुनिया के सामने आएं। एक कहावत भी कही जाती है बहुत सारे लोग धरती पर बैठे-बैठे ही यह जानना चाहते हैं कि स्वर्ग कैसा होता है ? तो यह निश्चित ही है कि किसी भी व्यक्ति को मृत्यु के बाद ही पता लग सकता है ।दूसरे के बताने से नहीं तो हम अगर किसी भी वस्तु का पूर्णानंद लेना चाहते हैं तो हमें स्वयं उस अनुभव को जीना होगा।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama