D. H. H. K. N. (last part)
D. H. H. K. N. (last part)
स्वाति ने फोन उठाया तो... सामने से दिनकर की आवाज थीं..।
स्वाति :- हैलो..
दिनकर :- हैलो स्वाति बेटा.. कहाँ हो तुम...और ये मनीष कहाँ हैं..! उसे फोन लगा रहा हूँ स्विच आफ आ रहा हैं..।
स्वाति :- अंकल वो मेरे साथ ही हैं.. कहिये क्या बात हैं..!
दिनकर :- बेटा... रेणु कबसे कमरे में गई हैं... मुझे कहा थक गई हूँ आराम कर रहीं हूँ..। अपना बैग और फोन भी बाहर ही छोड़ दिया था..। अभी उठाने गया तो दरवाजा अंदर से बंद हैं..। बहुत बार बजाया पर खोल नहीं रहीं हैं..। मुझे अभी घबराहट हो रहीं हैं... तुम लोग जल्दी आ जाओ..।
स्वाति :- हां अंकल हम अभी आते हैं.. आप टेन्शन मत लिजीए..।
स्वाति फोन रखते ही तुरंत रितिक और मनीष के साथ चल दी..। रास्ते में मनीष ने रितिक को रेणु के साथ हुई आपबीती को बताया..।
तीनों घर पहुंचे और बड़ी मुश्किल से दरवाजा खोला गया..। दिनकर रितिक को देखकर हैरान हो गए थे.. लेकिन उस वक्त हालात सवाल पुछने के नहीं थे..।
भीतर देखा तो रेणु अपने बेड पर बेहोशी की हालत में थीं..। उसे देख कर लग रहा था शायद उसने कोई जहरीला पदार्थ या कुछ हानिकारक चीज़ खा ली थीं..।
मनीष ने तुरंत एंबुलेंस को फोन किया... रितिक उसे गोद में उठाकर बाहर की ओर दौड़ा..।
एंबुलेंस के आते ही रितिक रेणु के साथ उसमें बैठ गया..। दिनकर... स्वाति और मनीष दूसरे साधन से हास्पिटल पहुंचे..।
शुरुआती जांच से रेणु की कंडिशन बहुत सिरियस थीं.. लेकिन बेहतर उपचार से उसकी स्थिति में सुधार आया..।
डाक्टर :- फिनायल... फिनायल पिया गया हैं... अभी हालात ठीक हैं.. लेकिन अभी वो बेहोश हैं..। कुछ घंटे लगेंगे होश में आने के लिए..।
रेणु की हालत से सभी सकते में आ गए..। हास्पिटल में सभी एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे..।
वही दूसरी ओर....
लिली ने उस वक्त राज से बहस नहीं की... लेकिन स्वाति के फोन ने उसे उलझन में तो डाल दिया था... इसलिए उसने विलियम्स को राज की जासूसी में लगा दिया था..। लिली को हिन्दी अच्छे से समझ नहीं आती थीं... इसलिए उसने विलियम्स को मोटी रकम देकर राज को आने वाले और जाने वाले हर फोन की निगरानी रखने को कहा था...।
विलियम्स ने राज और उसकी मम्मी के बीच हुए फोन की सारी डिटेल लिली को दे दी थीं... जिससे लिली के सामने राज और रेणु का रिश्ता साफ़ जाहिर हो गया था..।
लिली ने विलियम्स के साथ मिलकर राज के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठे कर लिए..।
अब समय था राज को सबक सिखाने का... लिली ने धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाकर अमेरिकन पुलिस की मदद से राज को गिरफ्तार करवा लिया..।
वहाँ की पुलिस का टोर्चर राज ज्यादा समय तक सह नहीं सका और सब कुछ कबूल कर लिया..।
अमेरिकन पुलिस ने भारतीय पुलिस की मदद से राज के सारे चिट्ठे खोलने में जुट गई...।
हास्पिटल में....
पुलिस :- आप सभी मिस्टर राज वर्मा को जानते हैं..!
रितिक :- हां सर.. क्या हुआ..।
पुलिस:- उनको अमेरिका में जालसाजी और धोखाधड़ी के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया हैं..। आपका उन से क्या रिश्ता हैं..।
स्वाति :- उसने मेरी सहेली के साथ भी धोखा किया हैं सर.. वो वहां अमेरिका में पहले से ही शादीशुदा होने के बावजूद यहाँ इंडिया में दोबारा शादी की और दहेज भी वसूल किया..। उसकी वजह से ही रेणु ने अपनी जान देने की भी कोशिश की..।
पुलिस :- उनके खिलाफ ऐसे चार पांच केस हैं..। हमने उनके पेरेंट्स को भी गिरफ्तार कर लिया हैं.. आप में से किसी को हमारे साथ थाने चलना होगा..।
मनीष :- मैं चलता हूँ सर...। मुझे सारी डिटेल मालूम हैं..। मैं उसका मुंहबोला भाई हूँ..।
पुलिस :- ठीक हैं चलिए.।
मनीष पुलिस के साथ चल दिया...।
इस बीच रितिक ने भी दिनकर को अपने वहाँ आने की आपबीती बताई..।
कुछ घंटों बाद रेणु को होश आया...।
तब तक मनीष भी आ चुका था..।
कुछ समय बाद जब रेणु ठीक हुई... उसे सारी हकीकत बताई गई..। स्वाति के एक फोन की वजह से आज राज सलाखों के पीछे था..।
लिली की सूझबूझ और राज की बेपरवाही.... आज सबके सामने थीं..।
रेणु ने अपना प्यार भले ही खो दिया था... लेकिन राज उस प्यार के लायक कभी था ही नहीं..।
पुलिस की मदद से कुछ महीनों बाद स्वाति को उसका घर भी वापस मिल गया था..। जो उसने दहेज की रकम अदायगी के लिए बेच दिया था..। राज की सारी जायदाद जब्त कर ली गई थीं...।जिसको जमा करने के लिए उसने ना जाने कितनी मासूम लड़कियों के दिल से खेला था..।
रितिक ने वो घर फिर से खरीद कर स्वाति को अपने प्यार का तोहफा दिया था..।
रेणु आज खुश हैं.... स्वाति के लिए... रितिक के लिए... अपने पापा के लिए... खुद के लिए..।