मैं एक हाऊस वाईफ हूँ.... और लिखना मेरी चाहत हैं.... बहुत से प्लेटफार्म पर लिखती हूँ..
ट्रेन में हुई एक खूबसूरत मुलाकात... क्या ये अफ़साना मुकम्मल हो पायेगी? या अधूरा ही रह जाएगा ये प्यार ... ट्रेन में हुई एक खूबसूरत मुलाकात... क्या ये अफ़साना मुकम्मल हो पायेगी? या अधूरा ह...
मैंने दुकानदार से वो भी देने को कहा...। मैंने दुकानदार से वो भी देने को कहा...।
मैं माएरा को अपने हर किसी जानने वालों से दूर रखता। मैं माएरा को अपने हर किसी जानने वालों से दूर रखता।
र हां मैंने एक छोटी सी शुरुआत कर दी थीं। कुछ उसको समझने की कुछ खुद को समझाने की। र हां मैंने एक छोटी सी शुरुआत कर दी थीं। कुछ उसको समझने की कुछ खुद को समझाने की।
वो मायने नहीं रखता.... आपकी सोच और नियत कैसी हैं... वो मायने रखता हैं...। वो मायने नहीं रखता.... आपकी सोच और नियत कैसी हैं... वो मायने रखता हैं...।
दूसरों से कुछ मदद मिलने की उम्मीद ना रखकर खुद अपनी मदद करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। दूसरों से कुछ मदद मिलने की उम्मीद ना रखकर खुद अपनी मदद करने पर ज्यादा ध्यान देना...
आज स्याही से लिख दो तुम अपनी पहचान.... आज स्याही से लिख दो तुम अपनी पहचान....
उसने मेरी सहेली के साथ भी धोखा किया हैं सर उसने मेरी सहेली के साथ भी धोखा किया हैं सर
भी स्वाति के फोन पर रेणु का फोन आया..। आखिर क्या बात हुई फोन पर.. भी स्वाति के फोन पर रेणु का फोन आया..। आखिर क्या बात हुई फोन पर..
.. मैं उन लड़कियों में से नहीं हूँ जो चुपचाप बैठ जाउंगी..। .. मैं उन लड़कियों में से नहीं हूँ जो चुपचाप बैठ जाउंगी..।