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Hemisha Shah

Drama

5.0  

Hemisha Shah

Drama

छुट्टियां

छुट्टियां

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कितने सालो बाद ये 10 छुट्टियांं मिली..

ये 10 दिनों मैं कितना मज़ा आया

पापा...ये आपकी मुस्कान

मेरे आने से ही है ना..

जानता हूँ..बहोत खुश हो आप..

अरे..चुटकी.. तु इतनी बड़ी हो गई हो अब् के मुज़से रूठने भी लगी हो !!..ये तूने मेरी कलाई पे जो राखी बांधी है वोह हमेशा साथ रहेगी..

माँ.. तेरे हाथ का खाना.. कैसे भूलूँगा ? प्यार से जो बनाती हो.. सरहद पे ये खाना. बहोत याद आता है..

देखो..ना माँ.. ये 10 दिन मैं थोड़ा वज़न भी बढ़ गया.. हाहा..

ये छुट्टिया..कितनी जल्दी ख़त्म हो गई है ना !! पापा.. जा रहा हूँ..अपने वतन के लिए..वापस..सरहद पे..

पापा.. आप सुकून से सो पाओगे.. क्यूँ की मैं वहां जगता हु ...

माँ.. अब रो मत.. तुझे ऐसे नहीं देख पाउँगा जाते वक़्त

चुटकी..तेरी.राखी मुझे हौसला देगी..देश की रक्षा करने. का.. ये भी हो के ये मेरी.... आखरी राखी हो..

वापस ही ना आउ..!!

अगर.. ऐसा हो ना माँ...तो रोना. मत.. फक्र करना के तेरा बेटा..मरा नहीं.. शाहिद हो गया. यही तो मेरा. मक़सद है की देश के लिए फ़ना हो जाऊ..

चलो..अब चलता हूँ..सरहदे मुझे पुकारती है

ये छुट्टिया हमेशा याद रहेगी.. अगले साल इंतज़ार मत करना.. ये छुट्टिया मिले ना मिले.. या फिर मैं ही ना रहु..


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