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Priyanka Gupta

Inspirational

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Priyanka Gupta

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छोटी सोच

छोटी सोच

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वह छोटा सा बच्चा अपनी माँ की उंगली पकड़े झुलसती दोपहरी में नंगे पांव तपती सड़क पर जा रहा था।बच्चा बीच-बीच में अपने पैर उठा रहा था;जाहिर है सड़क बहुत गर्म थी औरउस पर नंगे पैर चलना किसी परीक्षा से कम नहीं। 


मेरे 10वर्षीय बेटे की नज़र उस पर पड़ी;वह अंदर से भागकर अपनी नयी चप्पलें लेकर आया। 


"अरे ,यह तो नयी है ;वह पुराने वाले जूते दे दो। ",मैंने कहा। 


"नहीं ,उनको पहनने से तो चोट लग सकती है;नीचे से टूटे हुए जो हैं।आप ही तो कहती हो।जब मुझे लग सकती है तो इसे भी लग जायेगी न।",बेटे ने कहा। 

मैं अपनी छोटी सोच पर शर्मिंदा थी।


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