kacha jagdish

Romance

4  

kacha jagdish

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चहेरा

चहेरा

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नयन की सगाई को अभी एक महिना हुआ है लेकिन उसके चहेरे का रंग उडा़ हुआ है। पिछले कई दिनों से वह किसी से ज्यादा बात भी नहीं करता। रात को देर तक जागता रहता है, साथ में अकेले और गुमसुम रहता है। 


बस एक ही ख्याल उसके मन को घेरे रहता है, आखिर ऐसा भी सच हो सकता है क्या? नयन थोड़े दिनों तक देखने का फैसला लेता है। 


नयन अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या पर चलने की कोशिश करने लगता है। लेकिन कामयाब नही हो पाता। आखिर तूट कर एक रात वो फैसला लेता है, "अब बस हो गया यही एक रास्ता बचा है।" अगले दिन उस फैसले को अमल करने की ठान लेता है। 


अगली शाम को नयन अपनी एक पूरानी फोटो नंदनी (नयन की होने वाली पत्नी) को भेजता है। उन दोनों की अरेंज मैरिज है तो एकदूसरे को ज्यादा नही जानते । बातें भी एकदूसरे से कम करते हैं। फोटो देखकर नंदनी को बड़ा अजीब लगता है। नयन क्या कहेना चाहता है वो समझ नही पा रही थी। इसलिए इस बात को नजरअंदाज कर देती है। 


नयन दो दिन बाद नंदनी को कोल करता है। नंदनी नयन का कोल देखकर चौक जाती है और सोचने लगती है आखिर इस समय नयन कोल क्यों कर रहा है। इस तरह पहला कोल छूट जाता है। पंद्रह मिनट बाद दुबारा कोल आता है, नंदनी जल्दी से उठाती है। नयन उससे अपने कोलेज, दोस्त, अपनी आसपास के लोगों के बारे में बताता है। खासकर के सीमा के बारे में। उसकी बढ़ चढ़ के तारीफ करता है। फिर फोन रख देता है। फोन रखने के बाद वह आईने में देखता है जिसमें उसे अपना चेहरा बिगड़ा हुआ दिखता है। और आईने से बोलता है मैं यह सब नंदनी मुझसे दूर हो जाये इसलिए कर रहा हूँ। कुछ दिनों बाद में उसकी कमियां गिनवाना शुरू कर दूंगा। 


लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। नयन काम में हफ्ता व्यस्त हो गया। उसे इस सबका मौका ही नही मिला। 


हफ्ते बाद अचानक एक शाम को नंदनी नयन के घर पहुंच जाती है अपनी मौसी के साथ। नयन तब घर पर नही था। लेकिन जब नयन घर आया और नंदनी को अपने घर में देखा तो डर गया और अपना मुंह छुपाने लगा। यह बात नंदनी को काफी अजीब लगी। नयन किसी भी तरह नंदनी के सामने आने से बचता रहा। यह सब देखकर नंदनी से रहा नही गया और उसने अपने मोबाइल से नयन को कल मिलने के लिए बुलाया। 


नयन को जो बात वो करना चाहता था उसका मौका दिख रहा था इसलिए हां बोल दिया। 


अगली शाम वो दोनों एक गार्डन में मिलते है। नयन मिलते ही नंदनी की कमियां गिनवाने लगता है। लेकिन इस बात से ज्यादा नंदनी का ध्यान नयन की हडबडाहत पर था, मानो वह जल्दी यहां से भाग जाना चाहता हो। नंदनी यह सब समझने की कोशिश कर ही रही थी कि नयन बोला, "तुम मुझे पसंद नहीं हो, मैं तुमसे शादी करना नही चाहता।" 


यह सुनते ही नंदनी की आखों में आंसू आ गए। और रो ने लगी। रोते रोते बोली अगर ऐसा ही था तो पहले हां क्यों बोली । 


"हो जाती है कभी-कभार गलतियां।"


"शादी तोड़ देना कोई मजाक नही होता। दुनियावाले कई तरह की बातें बनाते हैं। लेकिन इस सबसे तुम्हें क्या। "


नंदनी को इस तरह से रोता देख नयन भी शर्मिंदा होता है और भारी आवाज में कहता है," जिन्दगी भर रोने से अच्छा है अभी दो बातें सुन लेना।"


"क्या मतलब है इन सब बातों का। आखिर कहेना क्या चाहते हो?? "


नयन अपना चेहरा दिखाता है और मोबाइल में से पहले की एक तस्वीर निकालता है । और कहता है," इन दोनों में कोई फर्क दिखता है। पहले मैं ऐसा दिखता था, अब देखो कैसा दिखता हूँ। बस यहीं वजह ये सब करने की। "


" तुम क्या कह रहे हो। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा!!" 


तब नयन अपने पर्स में से एक लेटर निकालता है और नंदनी को देता है। नंदनी उस लेटर को पढ़ने लगती है। उस लेटर में लिखा हुआ था 

   "प्यारे नयन, मैंने कितनी कोशिश की तुम्हें मनाने की, तुम्हारा प्यार जीतने की फिर भी तुम नही माने और एक ही बात करते रहे तुम्हें मुझसे प्यार नही है, अगर मान भी लो हो भी गया तो घर वाले नही मानेगे और मैं घरवालों के खिलाफ नही जाना चाहता। मैं तुम्हें ये बताने के लिए ये खत लिख रही हूँ कि जो चहेरा देखकर मुझे तुमसे प्यार हुआ था मैंने उस पर काला जादू करवाया है। अगर तुमने किसी को पसंद किया या शादी की तो तुम्हारा ये सुंदर चहेरा बदसूरत हो जायेगा।"


नंदनी कुछ पूछे उस से पहले नयन कहने लगा, "उसका नाम सीमा था, वो मेरे साथ काम करती थी, लेकिन शहर छोड़कर चली गई है और कहाँ ये मैं नही जानता।" 


नंदनी को सबकुछ समझ आने लगा था फिर भी तस्सली के लिए पूछा, "तो फिर वह सब बातें।" 

"इसलिए की रिश्ते के लिए तुम मना कर दो।"

"और तुम सीमा से शादी कर लो। अगर यही सच है तो मुझे कोई एतराज नही है। "

" मैं उसका मुंह भी नहीं देखना चाहता। शादी तो दूर की बात है।"


नंदनी को नयन की सच्चाई पसंद आने लगी और बोली इसका कोई ना कोई इलाज जरुर होगा। यह कहते हुए नंदनी नयन को उसके घर ले जाती है। घरवालों को सारी सच्चाई बताती है। सब घरवालों का डर के मारे बूरा हाल हो चुका था। फिर सब मिलकर एक पंडित से मिले। 


पंडितजी ने कहा, " काला जादू हुए काफी समय हो चुका है नहि तो पूजा के द्वारा कुछ किया जा सकता था। अब तो शादी के लिए हां बोला जा चुका है जिससे ये काला जादू अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। इसका अब यहीं तोड़ है की कोई लड़की इसको इसी चहेरे के साथ पसंद करे।" सब परिवार वाले यह मान जाते है। और दोनों शादी कर लेते हैं। 


थोड़े समय तक जैसे तैसे चला, फिर नंदनी को भी इसका असर दिखना शुरू हो गया, न चाहते हुए भी बार बार उसकी नज़र नयन के चहेरे पर जाती और उदास होने लगती। 


फिर नंदनी ने एक काम किया जभी नयन के चहेरे पर नजर जाती उस दिन नयन के किये अच्छे काम को याद करती। इस तरह भारी महेनत मस्कत से दो ढाई महीने में वो काला जादू तूटा। चहेरा बदसूरत होना बंद हो गया। और गाड़ी सामान्य पटरी पर लौट आयी। 


शादी के लिए सुंदर चहेरा नही बल्कि सुंदर आचरण चाहिए। 


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