savitri garg

Inspirational

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चैत्र नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि

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नवरात्रि का त्यौहार, साल में हम दो बार मनाते हैं। अश्विन की नवरात्रि और चैत्र मास की नवरात्रि। चैत्र मास की नवरात्रि की कुछ बात ही अलग होती है, इसे हिंदू नव वर्ष के रूप में भी मानते हैं प्रथम दिवस ही हिन्दुओं का कैलेंडर (पत्रक)भी बदला  जाता है । पूरे भारत में अलग-अलग जगह अलग-अलग तरह से इस त्यौहार को मनाते हैं कहीं नवरात्रि की बैठकी, कहीं गुड़ी पड़वा,  कहीं चेटी चांद, कहीं ऊगाड़ी तो कहीं बैसाखी के रूप में मनाते हैं। इस तरह भारत देश के हर प्रदेश में कुछ न कुछ तरीके से इस त्यौहार चैत्र नवरात्रि को  मनाते हैं। प्रथम दिवस से ही इस त्यौहार को मनाते हैं , इस त्यौहार में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है , कहते हैं कि इन नौ दिवसों में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा  की जाती है । कहा जाता है कि इन दिनों में  देवी हमारे घर आती है और घर में सुख, संपदा ,शांति देकर जाती है। इन नौ  दिनों में प्रथम दिवस माता शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तृतीय चंद्रघंटा, चौथी कुष्मांडा, पाँचवीं स्कंदमाता, छठी कात्यानी माता, सातवीं कालरात्रि माता, आठवीं महागौरी और नवमी सिद्धिदात्री के रूप में मनाते हैं। इन नौ दिनों में लोग खूब पूजा पाठ करते हैं। जवारा भी प्रथम दिवस बोते हैं और फिर नवमी के दिन देवी के यहां चढ़ाते हैं देवी को जवारा अर्पण करके अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। इन नौ दिनों में नौ देवियों के नौ रंगो ,नौ तरह के फल, फूल, वस्त्र, भोग चढ़ाते हैं और देवी को प्रसन्न करते हैं। नवमी  के दिन व्रत को पूर्ण कर हवन करके  अपने उपवास का समापन करते, कोई देवी जागरण करता है तो कोई कन्या भोज करवाता है और देवी का धन्यवाद कर उन्हें विसर्जित करते हैl नवमी  के दिन ही गांवों में जवारा भी गली गली देखने को मिलता है लोग जवारा लेकर गांव की गलियों में घूमते हैं और कुछ जगहों में तो  काली देवी के वेशभूषा को धारण करके  नृत्य  भी करते हैं । बड़ा ही अद्भुत नजारा होता है लगता है कि देवी खुद ही उस वेशभूषा में देवी बनकर आई है। बचपन में क्या? अभी भी उन दृश्यों का इंतजार रहता है लोग इंतजार में रहते हैं की जवारा आएगा और हम देवी के जवारे का दर्शन करेंगे माता हमारे घर आएगी और आशीर्वाद देकर जाएगी। इस नवरात्रि के नवमी के  दिन ही हम अपने भगवान श्री राम का जन्म दिवस भी मनाते हैं । भगवान  राम का जन्म दिवस भी बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है । भगवान राम के बाल रूप की पूजन करते हैं और जागरण करते हैं गली-गली भगवान राम की झांकी भी देखने को मिलती है मंदिरों में भगवान राम की बाल रूप की पूजा की जाती है। उनका जन्मदिन मनाया जाता है, भगवान राम के रूप में वेशभूषा बनाकर बड़ी मनोरम झांकी निकाली जाती है। इस तरह उनका जन्मदिन भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है । चैत्र नवरात्रि की बात ही कुछ और है, इसे हम फसली त्यौहार भी कह सकते हैं इसमें नए-नए अनाज गेहूं ,जौ, चना आदि हम अपने घर में लाते हैं और नए अनाज से बने हुए पकवान को बड़े शुद्धता के साथ देवी को अर्पण करते हैं। इस त्यौहार से ही ऋतु परिवर्तन भी होता है इन नौ दिनों में लोग इतना भक्ति में लीन रहते हैं कि समय का पता ही नहीं लगता कि समय कैसे बीत गया।

 


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