savitri garg

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मित्रता

मित्रता

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मित्रता मतलब यार की यारी, याराना यार पे मर जाना, अपने मित्र के लिए कुछ भी कर जाना, लेकिन मित्र की मित्रता ना खत्म होने देना। जब एक बालक पैदा होता है उसे पता ही नहीं होता की मित्र क्या होता है। तब से वह मित्र बनाता है। मित्र मतलब मीत, दोस्त ,सखा, यार, मित्र को अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।

    कहते हैं ‌ कि मनुष्य के जीवन में एक अच्छा मित्र का होना बहुत ही आवश्यक होता है।

मित्र की मित्रता मानव जीवन में एक अपनी अलग पहचान बना कर रखती है। बचपन में हम मित्र बनाते हैं। जब हमें मालूम ही नहीं होता  है कि मित्र होता क्या है और क्या होती है! मित्र की मित्रता ! मित्रता का महत्व हम नहीं जानते हैं तब से हम मित्र बनाते हैं बचपन में हम अपने मित्र के साथ खेलते हैं, कूदते हैं, हंसते हैं,रोते हैं, मारते पीटते हैं। और फिर उसी के साथ दूसरे ही पल रहने के लिए तैयार रहते हैं। कितना भी झगड़ा हो फिर भी मित्र के साथ ही रहना हम पसंद करते हैं और हमें उसके साथ रहना अच्छा भी लगता है। मित्र की वजह से हम मार भी खाते हैं और मित्र भी हमारी वजह से मार खा लेता है । उसे मित्रता निभाने में अच्छा लगता है फिर थोड़े और बड़े होते हैं तो मित्र बदल जाते हैं । लेकिन मित्रता नहीं बदलती है। स्कूल में हमें कई तरह के दोस्त मिलते हैं कोई खेलने में होशियार, कोई पढ़ने में होशियार, कोई मस्ती मारने में होशियार, स्कूल में जाते ही सारे दोस्तों के साथ एक अलग ही मजा आता है। कोई किसी को मार रहा है, कोई किसी का सामान छुपा रहा है, कोई मस्ती में है, कोई दोस्तों के साथ सारे बच्चों के टिफिन छुपा रहा है, कोई अपने मित्र की बुराई कर रहा है, कोई टिफिन चुराकर खा रहा है फिर भी मित्र को बुरा नहीं लगता। भले ही भूख लगी हो फिर भी मित्र बुरा नहीं मानते। अगले ही पल उसी मस्ती के लिए अपने मित्रों के साथ तैयार रहते हैं। अगर कक्षा से भागे तो सारे मित्र एक साथ भागने को तैयार रहते हैं। कोई एक दूसरे को छोड़ता नहीं है मित्रता निभाने के लिए तैयार रहते हैं मरने मारने को तैयार रहते है्। मित्र को कुछ होने ना पाए इसका भी ख़्याल रखते हैं, कक्षा में अगर किसी मित्र को सजा मिले तो सारे मित्र सजा पाने के लिए एक साथ तैयार हो जाते हैं। स्कूल में बिताया गया मित्रों के साथ का समय बड़ा ही अनमोल और आनंद दायक होता है। स्कूल के समय की मित्रता को हम कभी नहीं भुला सकते। हम कितने ही बड़े उम्र के हो जाएं फिर भी स्कूल के मित्रों को और उन मित्रों की शैतानियां नहीं भुला सकते। वो यादें हमेशा याद आती हैं और उन बिताए गए पल को याद करके हंसी भी आती है। उस अनुभव को जीवन पर्यन्त हम नहीं भूला पाते और दोस्तों की मौज मस्ती भी याद आती है। थोडी देर के लिए फिर वह पल जीने लगते हैं पुराने दोस्तों के साथ बीते हुए पल न जाने कहां से पुराने किताब के पन्नों की तरह पलट कर सामने आ जाते हैं ।

 हम और बड़े होते हैं और कॉलेज में जाते हैं तरह‌‌- तरह के दोस्त हमें मिलते हैं। कॉलेज की जिंदगी की दोस्ती तो और भी मौज मस्ती भरी होती है। हमें सिर्फ दोस्तों के साथ रहने में ही मजा आता है।

  मानो! मन मस्तिष्क में किसी ने आजादी और मौज के पंख लगा दिए हों उड़ने के लिए।

  

   हमें बिना पंख के उड़ना सिखाती है मित्रता।

 मित्र मंडली का होना तो जीवन में चार चांद लगा देती है।

  मानो की जिंदगी का नया सफर शुरू हो गया, ना किसी की फिकर और ना किसी की जवाबदारी ,ना टेंशन, सिर्फ मौज मस्ती, वो कैंटीन की चाय, हॉस्टल का रहना, एक साथ खेलना ,फिर रात भर जग कर एक साथ पढ़ना, फिर तरह-तरह के सपने भी देखना, मित्र की कामयाबी पर खुश होना ,नाकामयाबी पर मनोबल बढ़ाना, न जाने कितने ही किस्से कॉलेज के दिनों के होते हैं । मित्रों के साथ के अपने दोस्तों के लिए कुछ भी कर जाने का जुनून हमें सिखाती है ज़िंदगी। उन दिनों की याद बाद में हमें आती है।

कालेज के मित्रों को हम कभी नहीं भुला पाते। उन दिनों की बात ही कुछ और होती है।

फिर आता है एक और दौर जब सारे दोस्त छूट जाते हैं और हम जीवन यापन के लिए जीना और जवाबदारी का दौर निभाना सीखते हैं। फिर भी मित्र की मित्रता इस दौर। चाहिए जो हमें सही राह दे सलाह दे जीवन में आई कठिनाइयों में साथ दें और आगे बढ़ने की प्रेरणा दे मदद करें ,ताकि मित्र की तरक्की हो और मित्र आगे बढ़े सुख ‌-दुख में उसकी बातें सुने और उसे हिम्मत दे।

हमारे बगल में दो दोस्त रहते थे जिनका नाम था धैर्य और साहस। दोनों की मित्रता काफी मशहूर थी। दोनों एक दूसरे के लिए मर मिटने को हमेशा खड़े रहते थे, एक दुखी हो तो दूसरा भी दुखी होता था ,एक के सुख में दूसरा भी सुखी हो जाता था । दोनों कहीं जाते तो साथ ही जाते। लोग उनकी दोस्ती की मिसाल देते थे। एक बार साहस का गांव में किसी से झगड़ा हो गया था जिन से झगड़ा हुआ था वह साहस से बलवान लोग थे। उसे धमकी देते कहते कि हम तुम्हें जान से मार देंगे और वह उसे मारने के लिए आए। तब धैर्य को पता चला कि मेरे दोस्त की जान खतरे में है वो लोग उसे मारने के लिए आए हैं। तो धैर्य साहस के साथ में हमेशा रहता और कहता कि तुम चिंता मत करो ।वो मेरे रहते तुमको कैसे मारेंगे तुमको मारने के लिए उन्हें मुझे मारना होगा तभी वह तुम्हारे पास पहुंचेंगे मेरे रहते तुमको कोई कुछ नहीं कर सकता। तुम चिंता मत करो और वह हमेशा साथ में रहते ।धैर्य और साहस एक दूसरे का साथ देते और उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता था। मरते दम तक उनकी दोस्ती को कोई नहीं मिटा पाया। लोग कहते थे कि दोस्ती हो तो धैर्य और साहस जैसी। जीवन में अपने सुख दुख को बांटने के लिए मित्र की मित्रता होना बहुत जरूरी होती है। मित्रता मर मिटने का नाम है एहसास करने का और जीवन पर्यन्त साथ निभाने का नाम है। हमारे देश में भी नहीं बल्कि दुनिया में भी मित्र की मित्रता के बड़े-बड़े उदाहरण है मित्र बनाने और मित्रता निभाने के लिए राजा और रंक का भेदभाव कुछ नहीं देखा जाता। मित्रता बस निभाई जाती है मित्रता में जात धर्म भेदभाव नहीं देखते ।मित्र कितना ही गरीब हो चाहे मित्र कितना ही अमीर हो मित्रता में यह सब महत्व ही नहीं रखता। अपने देश में ही मित्रता के कई ऐसे उदाहरण है लोगों ने अपने मित्र की मित्रता के लिए जान तक न्योछावर किए हैं।



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