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Vimla Jain

Comedy Action Classics

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Vimla Jain

Comedy Action Classics

चाय मेरा एनर्जी बूस्टर

चाय मेरा एनर्जी बूस्टर

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मुझे चाय इतनी प्यारी है नींद से उठते ही ब्रश करके अपने को तैयार एक कप चाय मिल जाए बड़ा वाला तो दिन सुधर जाता है प्रस्तुत रचना मैं मेरे चाय प्रेम के जज्बात है।

 एक चाय वाला 

एक चाय वाला तो हमारे प्रधानमंत्री जी बन गए ।जितनी अच्छी चाय पिलाते थे, उससे भी अच्छा देश चला रहे हैं। जो हमारे लिए गर्व की बात है ।

चाय एक ऐसी चीज है ।

नींद से उठने के बाद में सबसे पहले जो मेरी पसंद है वह है चाय।

अगर चाय मिली हो अच्छी चाय मिली हो तो, लगता है आज पूरा दिन बहुत अच्छा जाएगा।

मन खुश खुश हो जाता है।

वैसे तो रोज खुद बनाकर पीते हैं,

मगर जब कोई दूसरा पिला दे, तब तो उसका मजा 10 गुना हो जाता है।

 जब घर से बाहर निकलते हैं, ट्रेन में, प्लेन में, मुझे सबसे गंदी चाय प्लेन की लगती है गर्म पानी में डीप दे दिया पानी में डूब करते रहो और उसमें वाइट में डाल दो हो गया मगर मजबूरी में पीनी पड़ती है। ।

कहीं पर भी सफर के लिए जाते हैं।

रात का सफर होता है, तो सुबह उठते ही सबसे पहले जो चीज ढूंढते हैं वह है चाय वाला।

कि कहीं चाय वाला मिल जाए तो सुबह तरोताजा हो जाए।

एक कप चाय का प्याला मिल जाए,

गरम चाय का प्याला हो

मजा दुगना हो जाए।

और अगर चाय वाला नहीं मिलता है,

तो मन दुखी हो जाता है।

फिर किसी काम में मन नहीं लगता।

चाय, चाय ही नजर आती है।

कभी-कभी तो किसी ठेले वाले की चाय इतनी जोरदार लगती है।

कि बहुत वर्षों तक याद रहती है।

ऐसा ही एक बार मैं अहमदाबाद गई थी।

वीजा के काम के लिए तो सुबह 7:00 का टाइम था घर से जल्दी निकल कर के 5:00 बजे निकल कर गई थी ।

वहां जाते ही चाय की तलब लगी ।

वीजा ऑफिस के बाहर एक चाय का ठेला था। उसी समय उसने चाय बनाना चालू ही करा था। मैंने उसको बोला, भैया दो कप एकदम मस्त कम शक्कर की इलायची अदरक वाली चाय बना कर दो ।बहुत कड़क नहीं हो। उसने इतनी अच्छी चाय पिलाई कि मुझे आज तक याद है या तो सुबह से कुछ भी नहीं मिला था इसलिए या उसकी चाय में ही जादू था।

ऐसे ही हमारे नीचे एक भाई रोज चाय बनाते हैं। दिन में 4:00 बजे उनके इलायची के कूटने की आवाज आती है ।और चाय की इतनी अच्छी खुशबू आती है, और इलायची इतनी अच्छी खुशबू आती है। ऐसा लगता है उठ करके उसकी वही चाय पीने चले जाओ ।

मगर ऐसा हो नहीं सकता है।

जब भी कोई अच्छी चाय पीते हैं।

ऐसे ही उटी में भी हर जगह ठेले लग रहे थे चाय के ।

हमने दिन में पांच सात कप चाय पी होगी ।

मजा आ गया ।चाय के एनर्जी बूस्टर है।

और जिसको इसका शौक होता है।

उसके लिए तो मुझे खाना ना मिले चलेगा ।

मगर चाय तो चाहिएही। कभी-कभी जब सब बच्चे यहां होते हैं तब मैं केतली में चाय बना करके जग में चाय लेकर सबको आवाज लगाती हूं ।

चाय वाला आ गया, चाय वाला आ गया तो वैसी ही फीलिंग आती है। जैसी सुबह सुबह चाय पीने के लिए रेलवे स्टेशन पर चाहिए होती है चाय की माया ही अलग है

अजब तेरी माया चाय

तुझ बिन सब पकवान भी फीके

चाय मिले तो सब में स्वाद।

ना मिले तो पकवान भी बे स्वाद।


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