चालान
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सुरेश घर आकर अपनी गाड़ी के हिंदी अंक बदलकर रोमन अंक लिखने लगा। यह देखकर हिंदी दिवस पर हिंदी में लच्छेदार भाषण झाड़कर घर आ चुके सुरेश के पापा बोल पड़े "सुरेश यह क्या कर रहे हो ? तुमने आज सुबह उत्साह में आकर हिंदी अंक लिखे। शाम ढ़लते ही फिर रोमन अंक बदल रहे हो।"
सुरेश "पापा, आपसे प्रेरित होकर हिंदी अंक लिखी गाड़ी लेकर बड़ी शान से मार्केट चला गया। रास्ते में ट्रैफिक वालों ने रोक लिया।"
ट्रैफिक इंस्पेक्टर बोले "आज हिंदी दिवस होने से वार्निंग देकर छोड़ रहे हैं। अन्यथा तुम्हारी गाड़ी का चालान पक्का था।"