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sargam Bhatt

Abstract

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sargam Bhatt

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बिना प्यार की जिंदगी

बिना प्यार की जिंदगी

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रोहन और सिया के बीच में अब दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी,सिया को लग रहा था उसके बीच का प्यार खत्म हो गया है।उसने ठान लिया था वह बिना प्यार वाली जिंदगी से दूर चली जाएगी।अगले दिन चुपचाप एक चिट्ठी रख कर चली गई।उस चिट्ठी में लिखा था-

"जब एक दूसरे के बीच का प्यार खत्म हो जाए'तो उसे जबरदस्ती प्यार में नहीं बांधना चाहिए,उसे जबरदस्ती के बंधन से आजाद कर देना चाहिए और मैंने आप को आजाद कर दिया।

तुम्हारी"सिया"

चिट्ठी देखकर रोहन हतप्रभ रह गया उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी सिया से।





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