बी पॉजिटिव
बी पॉजिटिव
" क्या बात है आशी आज बड़ी खुश नजर आ रही है ... सुबह सुबह कोई खजाना मिल गया क्या ?" मुस्कान अपनी रूम मेट और दोस्त से बोली।
" अरे ऐसा कुछ नही है वो असल में मम्मी का फोन आया था हमारे पड़ोस में रितिका है वो किसी लड़के से प्यार करती है और कल उसने घर में भी बता दिया थोड़ी नानुकुर के बाद वो लोग मान गए बस मैं रितिका के लिए खुश हो रही थी !" आशी बोली।
" लगता है रितिका तुम्हारी खास सहेली है !" मुस्कान बोली।
" अरे नही मेरी तो उससे हाई हैलो है बस इससे ज्यादा तो हमने बात तक नहीं की कभी !" आशी हंसते हुए बोली।
" फिर भी तुम उसके लिए ऐसे खुश हो रही हो मानो तुम्हारी बहुत खास हो वो !" मुस्कान हैरानी से बोली।
" अरे किसी को उसकी खुशी मिल रही है तो उसकी खुशी में खुश होने में क्या जा रहा है !" आशी मुस्कुराते हुए बोली और कॉलेज के लिए तैयार होने चल दी।
" आप सभी को ये बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि अगले महीने कॉलेज का वार्षिकोत्सव है तो आपमें से जो लोग किसी भी कंपीटीशन में भाग लेना चाहते है नाम लिखवा दें अपना!" कॉलेज में ये अनाउंसमेंट सुनकर सभी खुश हो गए।
" मैं डांस कंपीटीशन में भाग लूंगी तू किसमे लेगी !" मुस्कान खुश होते हुए बोली।
" देख डांस तो मेरे बसकी बात नही मैं सिंगिंग में लूंगी !" आशी बोली।
" बहुत मजा आयेगा तेरी तो आवाज भी इतनी सुरीली है तू जरूर जीतेगी!" मुस्कान बोली।
कॉलेज में सभी फंक्शन की तैयारियों में जुटे थे। आखिरकार फंक्शन का दिन भी आ गया और सबने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया और रिजल्ट का इंतजार करने लगे।
" मुस्कान तुमने बहुत अच्छा डांस किया देखना तुम ही जीतोगी!" रिजल्ट से पहले आशी बोली।
और सच में मुस्कान डांस कंपीटीशन में फर्स्ट ही आई। आशी अपनी दोस्त के लिए बहुत खुश थी। अपनी दोस्त क्या वो तो हर जीतने वाले के लिए उतने ही जोश से ताली बजा रही थी जितनी जोर से मुस्कान के लिए। सिंगिंग कंपीटीशन में आशी दूसरे नंबर पर आई पहले नंबर पर कोई और आया तब भी आशी उसी जोश से ताली बजा रही थी।
" अरे तू तो ऐसे खुश हो रही है सबके जीतने पर जैसे सब तेरे सगे हैं...कोई खून का रिश्ता है क्या इन सबसे !" मुस्कान उसे इस तरह खुश देखकर बोली।
" अरे खून का रिश्ता नही तो क्या हुआ है तो ये सब हमारे दोस्त ही क्या फर्क पड़ता है कोई भी जीते थोड़ी सी तालियां बजा उसका उत्साह बढ़ाने से कौन सा हम छोटे हो जायेंगे ..!" आशी बोली।
" हुंह आजकल ऐसा कोई नही सोचता आजकल तो लोग अपने खून के रिश्तों को आगे बढ़ते देख खुश नहीं होते यार !" मुस्कान बोली।
" अरे यार वो उनकी आदत है पर मेरी आदत सबकी खुशी में खुश होने की ही है ...मेरा मानना ये है हमारी रगों में भले कोई भी ब्लड ग्रुप हो पर सोच बी पॉजिटिव होनी चाहिए। हम नही जीते तो क्या दुसरा जीता है ना उसकी खुशी में खुश हो लो मतलब तो खुश होने से है ना वैसे भी इसमें हमारा जाता भी क्या है बल्कि सामने वाले का जोश ही बढ़ जाता है हमे खुश देख !" आशी हंसते हुए बोली तो मुस्कान निरुत्तर हो गई ।
दोस्तों गम मनाने के बहाने बहुत है और खुश रहने की एक वजह काफी है अब ये आपके हाथ में है आप किसे चुने क्योंकि जिंदगी रोकर भी कटेगी खुश रहकर भी । तो आप भी अपनी सोच को बी पॉजिटिव बनाइए और दुसरो की खुशी में मुस्कुराइए।