Ajay Singla

Inspirational

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Ajay Singla

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भविष्य की दुनिया

भविष्य की दुनिया

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एक बहुत घने जंगल के अंदर एक आठ साल की लड़की गुफा से बाहर की और झांक रही थी। उस का नाम अदिति था। तभी उसकी दादी ने उसे अंदर बुलाया और अपने पास बैठा लिया। गुफा का दरवाजा एक बड़े पत्थर से बंद किया हुआ था ताकि कोई जंगली जानवर अंदर न आ सके। अदिति का बड़ा भाई और पिता जंगल में शिकार करने के लिए गए हुए थे और उसकी माँ नहीं थी। दादी ने ही उसे पाल पोस कर बड़ा किया था।


अदिति दादी को जिद कर रही थी कि वो उसे कोई कहानी सुनाये। वो हर रोज दादी से एक दो कहानियां तो सुनती ही थी और रात को तो कहानी सुनकर ही सोती थी। दादी ने कहानी शुरू की। बहुत पुरानी बात है कि धरती पर कई अलग अलग राजा हुआ करते थे। उनमें आपस में कोई न कोई लड़ाई चलती रहती थी। कई राज्य बहुत खुशहाल थे पर बहुत सारे गरीब राज्य भी थे। उस समय बहुत तेज चलने वाले वाहन भी थे जो कि एक जगह से दूसरी जगह बहुत जल्दी पहुंचा दिया करते थे। राज्यों में आपस में लड़ाई होने के कारण सब में हथियारों का जखीरा इकट्ठा करने के होड़ लगी रहती थी। कुछ संपन्न देशों ने तो इतने घातक हथियार जमा कर लिए थे की वो पूरी पृथ्वी को तबाह कर सकते थे।


हवा में उड़ने वाले उड़नखटोले जो इन हथियारों को बड़ी जल्दी एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते थे , राज्यों में उनको इकट्ठा करने की भी स्पर्धा लगी रहती थी। एक बार उनमें से एक राजा ने दूसरे पर आक्रमण कर दिया और वो विनाशकारी हथियार जिन्हें एटम बम भी कहते थे उस पर चला दिए। उस राज्य को बहुत क्षति हुई और उसकी करीब आधी आबादी ख़तम हो गयी। उसका एक मित्र राजा था जिसके पास इन हत्यारों का काफी जखीरा था। उसने अपने दोस्त का बदला लेने के लिए ये बम उस देश पर चला दिए। धीरे धीरे ये लड़ाई की आग पूरी धरती पर फैल गयी। लोग मरने लगे और दुनिया ख़तम होने के कगार पर आ गयी। बस कुछ लोग ही जिन्होंने घने जंगलों में गुफाओं में शरण ले ली थी वो ही इस भयानक जंग से बच पाए।


जब जंग ख़तम हुई तो बस कुछ ही लोग बचे थे। संसाधन सब ख़तम हो गए थे। जो लोग वापिस गाव या शहरों की तरफ गए वो भी जल्दी जल्दी किसी न किसी बीमारी से मरने लगे। शायद उन बम में से निकली हुई किरणें का असर अभी भी उस जगह में था। बस जो लोग जंगलों में गुफाओं में रह गए थे वो ही सुरक्षित बच पाए। पर उन के लिए भी खाने के लाले पड गए। उन्होंने आदी मानव की तरह रहना शुरू कर दिया। वो जंगलों के फलों और जानवरों के शिकार पर ही जीवित थे। ये सब सुनाते हुए दादी की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने ये सब अपने दादा दादी से सुना था जिन्होंने कि ये सब झेला हुआ था।


अदिति के लिये ये सब बाकी कहानियों की तरह ही एक कहानी थी। उस घटना के बाद वो पाँचवीं पीढ़ी से थी। उस को तो बस ये पता था की २११० साल चल रहा है और कल उसका जन्मदिन है और पिछले जन्मदिन की तरह उसके पापा जंगल में से उसके लिए कुछ जरूर लाएंगे। ये सोचते सोचते वो दादी को गोद में ही सो गयी।  


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