भूत देखे हैं..
भूत देखे हैं..
यार एक अच्छी सी कॉफ़ी बना दो,,
सुबह की सैर से लौटकर जनाब ने मनुहार से कहा..
बस दो मिनिट रुकिए, ये लेख पूरा कर लें, फिर बनाते हैं.. रोज तो जाते नहीं आप,, आज क्या सूझी..
आज से शुरू कर रहे हैं,,
अच्छा जी,, कब तक जारी रखेंगे...
जब जब वक्त मिले...
अच्छा अच्छा,, बस दो मिनिट ओके...
आजकल तुम पर गाने का और लिखने का भूत सवार हो गया..
हमने कहा,,, अच्छा जी,, यदि ये बात है तो दुनिया में हर किसी के सिर पर कोई न कोई भूत सवार रहता होगा,, तो फिर तो चलते फिरते भूत यहीं मिल जाएंगे,, मरने के बाद किसे पता कि वो भूत बन रहा है या सीधे शिव लोक जा रहा है... पर हमारे शिव जी भी तो भूतनाथ कहलाते हैं,, मतलब सारे भूत वहीं के वासी होते होंगे..
इन्होंने एक चपत लगाई,, कुछ भी बोले जा रही है,,
अरे,, क्या गलत कह रहे हैं जी... , हम शिव पुराण पढ़ते हैं,, कितनी बार पढ़ा है कि जब शिव जी दूल्हा बन शिवा को ब्याहने चले थे तो सारे भूत प्रेत ही उनके बाराती बने थे..
तो तुम वो भूत और इंसान के सिर पर सवार भूत को एक ही समझ बैठी हो..
नहीं जी,, हम तो बस एक बात बता रहे थे दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं जिसके सिर पर कभी कोई भूत सवार न हुआ हो..गाहे-बगाहे हरेक के सिर पर उसे सवार होना ही है..
आप पर भी सवार है,, अब ये अलग बात है कि भूत नहीं बल्कि चुड़ैल सवार है..
हम खिलखिला कर हँस दिए..
ओये नकचढी खबरदार जो दोबारा ऐसे कहा तो,, तुम्हें कोई हक नहीं मेरी प्रिया को कुछ भी अनर्गल कहने का समझी..
हमने कानों को हाथ लगा कर बड़े नाटकीय अंदाज में कहा, जी भोलेनाथ,, समझ गए..
तेरी तो,, कहकर वो आगे बढ़े,, पर हम मछली की तरह फिसल कर उनके गिरफ्त से छूट गए..
हमने सोचा पहले इन्हें कॉफ़ी बना कर दे ही देते हैं,, एक काम खत्म होगा, फिर इत्मीनान से लिखेंगे...
हम ने फटाफट कॉफ़ी बना कर उन्हें पकड़ाई और फिर लिखने बैठ गए..
वैसे क्या लिख रही हो???
भूतों पर लिख रहे हैं..
मतलब???
मतलब आज का विषय है,, भूतों से बात..
कुछ मदद करिए न..
ओके,, हम बोलते हैं तुम लिखो..
धन्यवाद..
भूत आमतौर पर सभी के सिर पर सवार होते हैं,,, वो कब ऐसे और किस बात बात के लिए सवार हो जाए,कहा नहीं जा सकता..
उम्र से उसका कोई लेना देना नहीं होता.. किसी भी उम्र में वो सक्रिय हो जाता है. इसे बचपन, जवानी या बुढापा से कोई लेना-देना नहीं..ना ही शरीर के अन्य हिस्सों से..उसे तो सिर्फ सिर पर ही सवार होना है..कभी किसी ने नहीं कहा कि भूत उसके पेट या पीठ पर सवार हुआ...
पर श्री,,, ये भूत सिर पर ही क्यों सवार होता है??
दरअसल भूत को मालूम है कि आदमी का सी.पी.यु. उसका सिर है..
ये सी. पी. यू क्या होता है श्री???
सीपीयू का मतलब होता है सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट.. किसी भी कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.. जैसे हमारे पूरे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा सिर होता है.. सारी दुनिया का बोझ सिर पर ही तो होता है न.. विस्तार से लिखना हो तो विश्लेषण करें..
नहीं नहीं,, फिर विषय भटक जाएगा,, उस पर फिर किसी दिन लिखेंगे,, आप आगे बढ़ो..
जो आदेश कहकर ये पास आ गए..
उफ्फ,, लेख में आगे बढ़ने के लिए कहा न..
ओह, अच्छा..
तो ये भूत महावत की तरह हम इंसानो को टोंचता रहता है.. ये अपनी मरज़ी से सवार होता है और जब तक इसकी इच्छा पूरी नहीं होती,, ये उतरता नहीं..
तुमने कभी विदेशों के समाचार में ये पढ़ा कि वहां कोई भूत दिखा हो.
ना..
हां, क्योंकि हमारे देश में भी ये आधे आधे तरीके से होते हैं.
मतलब??
कुछ लोग कहते हैं न कि ईश्वर हैं पर नजर नहीं आते,, तो यहि लोग भूतों के अस्तित्व को भी मानते हैं कि नजर नहीं आते पर हैं
और जो भूत के अस्तित्व को नकार देते हैं वो नास्तिक टाईप के लोग होते हैं.
भूतो को मानने वाले ज्यादातर अधिक पढ़े लिखे मतलब वैज्ञानिक दिमाग वाले होते हैं.. और हम जिस भूत की बात कर रहे हैं वो ऐसे ही महान लोगों के सिर पर सवारी करते हैं..
तुम्हें पता है,, एक बार मैं अपने मित्र के साथ उसके पुश्तैनी गांव गया था,,
हां, आपने बताया था..
वहाँ का एक किस्सा सुनाता हूँ..
वहां भूतों की बड़ी कहानियां गढ़ी जाती थी,, तुम्हें तो पता है मैं जरा जिज्ञासु स्वभाव का हूं,, बस मैंने एक ग्रामीण को पकड़ा और पूछा कि भूत दिखता कैसे है ? उसने कहा,,, खौफनाक, डरावना, हाथ-पैर उल्टे...
हमने कहा, चित्र बना सकते हो.
उसने हंसकर कहा, नहीं आता बनाना...
आता तो जैसे बना ही देता,,,
दूसरे से सवाल किया कि भूत किसी ग्रामीण को ही क्यों पकड़ता है..वो भी एकदम निरीह से इंसान को.. किसी मंत्री-संत्री को क्यों नहीं ?
वह जवाब न दे सका..उसके पहनावे के विषय में पूछा तो जवाब मिला कि भूत नंगा रहता है..हमने कहा कि हमारे यहाँ तो मुहावरा है.. भागते भूत की लंगोटी सही..तो ये लंगोटी कहाँ से आ गई,,
उसने चुप्पी साध ली .एक से पूछा कि कैसे सिद्ध करेंगे कि भूत हैं तो उसने कहा-जब भूतनाथ यानि भगवान शिव हैं तो भूत भी हैं..भूतों के हेड तो भूतनाथ ही हैं..किसी एक से भूतों की आबादी पूछी तो ज़वाब मिला,, कई अरब ख़रब ..
हमने कहा,,, किसी एक का एड्रेस दे दो भाई ..बाक़ी बातें उसी से पूछ लेंगे..वह भूत की भांति एकदम से गायब हो गया..
यार हम विषय से भटक गए,, तुम्हारी रचना बिगड़ जाएगी..
हां ये तो है.. अब आगे बताइए उस भूत के बारे में जो सिर पर सवार होता है..
ये भूत जो सिर पर सवार होता है,, हमेशा बुरा नहीं होता, कभी कभी अच्छे काम भी कर जाता है,,
किसी के सिर पर पढ़ने का भूत कुछ कर गुजरने का भूत एक्टर बनने का बहुत डॉक्टर बनने का भूत और भी बहुत कुछ..
किसी के सिर पर कोई बचकाना भूत सवार होता है तो वो अजीबोगरीब काम करते हैं,,
किसी को नाखुन बढ़ाने का किसी को दाढ़ी बढ़ा कर ट्रक खींचने का किसी को फैशन के नाम पर कपड़े पहनने का किसी को........
बस बस,, आगे नहीं..
ओके ओके.. यार तुम टोक कर सब गड़बड़ कर देती हो..
देखिये ना,, रचना ज्यादा लम्बी हो रही है,, वैसे ही लोगों के पास पढ़ने का वक्त नहीं और आपके चक्कर में और बढ़ती जा रही है.. अब खत्म करना होगा..
अच्छा ठीक है.. तो आखिर में लिख दो की हम सब चलते फिरते भूत ही है,, इंसानी भूत,, क्योंकि सभी के सिर पर एक न एक भूत जरूर विराजमान होता है.. तो होती है न रोज भूतों से बात...
वाह, आप न होते तो हमारा क्या होता...
