बहुत बुरे हो तुम

बहुत बुरे हो तुम

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पूरे घर में उथल पुथल धमा चौकड़ी मची हुई है ये रस्म वो रस्म गाने बज रहे है। मेहंदी है संगीत है आनन फानन में शादी तय हो गई।

किसी ने मुझसे पूछना भी जरूरी नहीं समझा। यहां तक कि लड़के की फ़ोटो तक नहीं दीखलाई थी। स्विमिंग पूल में पैर डाले यही सोच रही थी कि प्यार ही तो किया था और कौन सा किसी के घर में डाका डाला था।

समझ में नहीं आता कुछ। यही सब सोच रही थी कि अचानक फ़ोन की घण्टी से मेरा ध्यान भटक गया। अननोन नम्बर से फ़ोन था, जरूर निशीथ का होगा।

"मैंने धीरे से कहा- हैलो कौन ?

उधर से आवाज आई- मैं संजय बोल रहा हूँ।

कौन है आप और किससे बात करनी है ?

आपसे बात करनी है।

क्या बात करनी है बोलो।

उधर से आवाज आई और कहा-कैसी है आप ? और क्या कर रही है ?

और इतना नाराज़ क्यों हो रही हैं आपको तो खुश होना चाहिए आपकी शादी होने वाली है।

हां खुश हूँ और तुम्हें इससे क्या लेना देना मैं खुश होऊँ या दुखी। तुम होते कौन हो पूछने वाले। आइंदा बकवास करने के लिए फ़ोन किया ना तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, समझे तुम।

अरे आपने अपनी शादी का कार्ड देखा। कैसा है मेरे यहाँ से ही प्रिंट हुआ है। मैंने यही बताने के लिए फ़ोन किया था। ठीक है मैं देख लूंगी।

कहकर मैंने फ़ोन काट दिया। पता नहीं कहाँ कहाँ से लोग चले आते हैं।

रूही बेटा आओ मेहंदी लगवा लो आके।

मुझे नहीं लगवानी मेहंदी मैं अपनी जान दे दूंगी माँ, अगर अब भी ये शादी तुमने कैंसिल ना कि तो।

अब तुम जान दे दो या ले लो अपने माँ बाप की इज़्ज़त का ख्याल करो। चलो चुपचाप।

डीजे बज रहा, गाना चल रहा- तारे हैं बाराती चांदनी है ये बारात।

मैं मण्डप में ही शादी से इनकार कर दूंगी। मुझे ना लड़का दिखाया गया न नाम बताया गया। मेरी परवाह नहीं करता कोई मैं ही क्यों करूँ ?

नहीं नहीं पापा और मां का क्या होगा ? क्या सोचेंगे। पर निशीथ के बिना मैं खुश रह पाऊंगी। बाहर के शोर से मेरे खयालों की दुनिया टूटी। शायद बारात आ गयी। मेरे दिल की धड़कनें रेलगाड़ी की तरह तेज़ चल रही थी।

फिर नया गाना- साजन जी घर आये।

चलो नीलम बारात आ गयी, पूजा ने कहा, चलो भी।

दूर हट, मुझे नहीं जाना, नहीं करनी शादी, हट दूर, मैंने कहते हुए उसका हाथ झिटक दिया बाहर।

तभी मेरी नज़र तिपाई पर रक्खे एक लिफाफे पर पड़ी। शायद शादी का कार्ड था। मैंने उसे तुरंत उठाकर देखा- उसमें लिखा था-

नीलम

वेड्स

निशीथ

मैं दौड़कर कमरे से बाहर आई। दौड़ते हुए आंगन में खड़े निशीथ के गले से लग गयी। बहुत बुरे हो तुम।

हाँ बहुत बुरा हूँ मगर तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। और मुझसे ज्यादा तुम्हारे मम्मी पापा।

और वो कॉल भी मैंने अपने दोस्त से करवाई थी पर तुमने शादी का कार्ड देखा ही नहीं।

सब लोग बुरे हो आप सब। मेरी आँखों से आंसू बहने लगे और सब हँसने लगे। बहुत बुरे हो तुम निशीथ बहुत बुरे हो तुम। आई हेट यू।

आई लव यू पगली।


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