भौत टेंशन है !
भौत टेंशन है !
चाय के खोखे पर प्लास्टिक की खस्ताहाल कुर्सियों पर दो भीड़ू आमने-सामने मौजूद थे । एक भीड़ू दूसरे से कुछ पूछने के लिये बार-बार मुँह खोलता है फिर कुछ सोचकर खामोश हो जाता है । पहले भीड़ू से रहा नहीं गया । उसने पूछ ही लिया –
"भोलू ! मेरे कू मालूम कि तेरे कू कोई फिक्कर सतायेला है । "
भोलू- "गोलू ! अपुन ये सोच रियेला है के साला ये भी कोई टेम है ? अमन-चैन तो जैसे हैईच नहीं !हर बखत भेजे में टेंशन ही टैंशन । जैसे आदमी के बच्चे को कोई दूसरा काम हैईच नहीं ।"
गोलू:-"भोलू ! बोले तो काय कू टेंशन है तेरे कू ?"
भोलू:-"भीड़ू तू मेरे कू ये बता कि एक टेम अक्खी दुनिया बोलती थी के ‘हाथ मिलाने से प्यार बढ़ता है’ और एक टेम ये है,कोई भीड़ू हाथ मिलाने कू राजी हैईच नहीं । ये किया हो रियेला है मेरे कू इसका भौत टेंशन ?"
गोलू:-' भीडू ! अब्बी तेरे कू कोई हैण्डशेक करने कू बोला ?"
भोलू:-"नक्को ।"
गोलू:-"कोई भीड़ू तेरे आगे एच.आई.वी.एडस् का नाम लिया ?"
भोलू:-"नक्को ।"
गोलू:-"अब्बी तेरे आगे कोविद-१९ आय रियेला है कि एच.आई.वी.एडस् ?"
भोलू:- "कोविद-१९"
गोलू:- "तो काय कू खाली-पीली टेंशन मांगता है, कोई दूसरा काम हैईच नहीं तेरे कू !"
भोलू:-"है ना बाप !"
गोलू:-"किया ?
भोलू:-"अपुन सोच रियेला है के.."
गोलू:-"फिर सोचेला है ? अक्खा घोंचू भीड़ू है तू ! अब्बी मैं तेरे कू किया बोला ? सोचना तेरा डिपार्टमेंट नक्को ! किया ?"
भोलू:-"तो मै किया करे ?"
गोलू:-"सोचना नक्की कर और दिमाग को दही का माफिक ठण्डा रख । अब्बी जो तेरे आगू है उसकी फिक्कर कर !"
भोलू :- "और ?"
गोलू:- "और तेरे कू अब्बी किसी भीड़ू से हाथ मिलाने का नहीं है क्या ?"
भोलू:-"बरोबर ! पण ?"
गोलू:- "पण ? अब्बी तेरे कू टेंशन हैईच है ?
भोलू:"-है ना बाप !"
गोलू:-"किया ?"
भोलू:-बोले तो, वो चाईना है ना ।"
गोलू:- भोलू तू अक्खा घोंचू भीड़ू है । चाईना से कैसा टेंशन रे ! बोले तो टेंशन चाईना कू है । आज अक्खी दुनिया चाईना को टेंशन दे रयेली है,उधर से अपना-अपना कारोबार नक्की करके किया ?
भोलू:-बरोबर बास !बोले तो सौ टाँक पक्की । पण वो बार्डर पे…
गोलू:-भीड़ू ! तेरे कू बार्डर का टेंशन ?
भोलू:- बोले तो हाँ ।
गोलू:- "भीड़ू ! तू कोई फौजी है जो उधर जाके ठाँय-ठाँय करेंगा ! कोई तेरे कू बोला उधर जाके चाईना से फाईट करने कू ?"
भोलू:-"नक्को । पण ."
गोलू:-"क्या पण ? अपुन तेरे कू किया बोला ?टेंशन नई लेने का । ये तेरा काम हैईच नहीं । जिनका है, उनको लेने दे और अपनी फौज पर भरोसा कर ! वो चीन का पूरा बीन बजा के छोड़ेगी । क्या ?"
भोलू:- "तो मैं किया करे ?"
गोलू:-"अब्बी एकीच काम है जो तेरे काबू में है ?"
भोलू:- "बोले तो.."
गोलू:"-बोले तो , चाईनीज माल का बायकॉट । अपुन फुल बायकॉट बोला ! क्या ?"
भोलू:-"अक्खा चाईनीज आयटम्स का मेरे कू बायकॉट करने का ।"
गोलू:-"यहीच बोला मैं । तेरे कू चाईना से टेंशन लेने का नई है उल्टा देने का है क्या ?"
भोलू:-इससे हमेरे कू फायदा ?
गोलू:- "भौत । फायदा ही फायदा है हमेरे कू । देख भीड़ू ! ये चाईना खालिस कारोबारी मुलुक है। ये अक्खी दुनिया को अपना माल सप्लाई करता है । हमेरा मुलुक इसका बिग मार्केट । मालूम ?"
भोलू:-"मालूम ! अक्खा बाजार चाईनीज आयटम्स से भरा पड़ेला है ।"
गोलू:-"तो भीड़ू ! अपुन को इस टैम चाईना का डबल ठोकाई करने का है । उधर बार्डर पे अपुन का फौज चाईना को ठोक रयेली है, इधर अपुन को चाईनीज आयटम्स का बायकॉट करके उसका बैण्ड बाजा बजाने का है ।"
भोलू:-"बोले तो चाईना को फुल खल्लास करने का है ।"
गोलू-"बरोबर । वो सुना नहीं कि एक कारोबारी का कारोबार फिनिश मतलब कारोबारी फिनिश ! क्या ?"
भोलू:- "बरोबर ! पण मेरे कू टेंशन .."
गोलू:-"देवा ! अब्बी कोई टेंशन बाकीच है तेरे कू ?'
भोलू:-बाप ! ये जो नेपाल में हो रियेला है ना उसका मेरे कू भौत टेंशन ..।
गोलू:-"भीड़ू ! तू टेंशन को पेंशन दे और वहीच काम कर जो मैं तेरे कू बोला । इस नेपाल के पीछू चाईना, पाकिस्तान के पीछू चाईना, बांग्लादेश और श्रीलंका के पीछू चाईना है । ये चाईना सबके कान में मंतर फूँक रियेला है । वो मदारी है और बाकी सब बंदर हैं जो उसके इशारे पे नाच रियेले हैं ।'
भोलू:- "तो अपुन किया करे ?'
गोलू:-"अपुन को चाईना को बढ़िया से ठोंकने का है ! तेरे कू उस राक्षस की कहानी मालूम जिसका जान एक तोते में थी, राक्षस तभी खल्लास हुआ,जब तोता खल्लास हुआ । ऐसीच चाईना वो राक्षस जिसका जान उसके कारोबार में है, इस वास्ते अपुन को उसका कारोबार इधर से खल्लास करने का है । चाईना खल्लास तो नेपाल, पाकिस्तान सबका अक्कल ठिकाने पर क्या ?'
भोलू:- "बरोबर बाप बरोबर । अपुन समझ गियेला है ।"
गोलू:- "बढ़िया ! अब मीटिंग खल्लास कर और ठंडा-ठंडा घर जाने का है तेरे कू ! आंटी तेरा फिक्कर करती होयेंगी ।'
भोलू:-""तेरे कू कैसे मालूम ? अपुन को टेंशन ?"
गोलू:- "और टेंशन ? भीड़ू तेरा नामीच टेंशनलाल होने का था । अंकल-आंटी से भारी मिस्टेक हो गयेला है ।"
भोलू:- "हे ! हे !! हे !!! हे !!!! बाप अपुन मजाक कर रियेला था । अब्बी अपुन जाता है, दोबारा टेंशन होयगा तो फिर इधर आयेगा ।"
वह नमस्ते कर चलते बना । गोलू उसे तब तक जाता हुआ देखता रहा जब तक वह आँखों से ओझल नहीं हो गया ।
गोलू:- "देवा ! इस भोलू का असली नाम ‘भौत टेंशन’ होने का था । मेरे कू खाली -पीली अक्खा टेंशन दे गया ।"
इतना कहकर वह उठ खड़ा हुआ तथा चायवाले को चाय के पैसे देने लगा ।