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Yayawargi (Divangi joshi)

Tragedy Others

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Yayawargi (Divangi joshi)

Tragedy Others

भाइयों को एक चिट्ठी...

भाइयों को एक चिट्ठी...

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डियर भैया ओर भाइयों...


डेढ़ महीना हो गया दम घूट रहा होगा ना, जहाँ रात दिन सड़कों पे घूमते थे, मज़े करते थे और कहाँ सब चुप चाप घर में कैद हैं ये सोच के अगर बहार जाएंगे, कुछ या किसी को छू लेंगे तो बीमार ना पड़ जाए कोरोना ना हो जाए, मास्क के अंदर भी घुटन होती होगी सांस लेने में भी तो तकलीफ होती होगी ना? अजीब हालत है लेकिन कुछ कर भी नहीं सकते!


क्वोरन्टाइन जो है, कभी सोचा लड़कियों का तो सारा जीवन क्वोरन्टाइन ही होता है!

कैसे?

अंधेरा होने से पहले घर आ जाना, किसी को छूना मत, अकेले कहीं जाना मत

ऐसे ही तो डरती है वो भी के कही गए किसी से बात कि और किसी ने कहीं छू लिया तो? कोई छूएगा नहीं!

जैसे तुम अभी छिकने से भी डर रहे हो, हम चेहरा दिखाने से डरती है

जैसे ही सरकार ने नियम लगाए है वैसे हमारे लिए भी अलग ही कानून है किसी से बात मत करना, ज्यादा जोर से हँसना मत, ढंग के कपड़े पहनना, अरे एक कपड़े का छोटा सा टुकड़ा, इनरवेर का स्ट्रेप भी दिख जाए तो ऐसे देखते है जैसे कोई अपशकुन कर दिया हो !


अरे अभी देखो मैंने इनरवेर लिखा ब्रा नहीं, हमें शब्द भी सोच-सोच के बोलने पड़ते है !

पिरियड का पैड कहीं गिर भी जाए तो ऐसे देखेंगे जैसे बोम्ब गिर गया हो,

बचपन से लड़कों को भाई बोलना सिखाया जाता है ताकि सामने वाला बंदा ये ना समाज ले के हम अवेलेबल है और हमारे दिल में कोई फ़िलिंग है लेकिन हमारे खुद का कज़िन भाई सब को हमारी ही तस्वीर मेरी खास दोस्तों है कह के ही दिखाएगा!

पब्लिक प्लेस पे जाना मना है ना कहीं कोई छू ना ले और कोरोना ना हो जाए, हमें भी ऐसी ही झिझक होती है के कहीं कोई कमिना छू ना ले बस

आशीर्वाद देने के बदले में भी पिठ जो फ़िल करनी है हमने कौन से टाइप कि ब्रा पहनी है वो जानना उनका ही फ़र्ज़ जो है!

हम धूप कि वजह से चेहरा नहीं ढकते जैसे मास्क में आपका दम घुटता है वैसे हमारा दम भी घुटता ही है लेकिन कोरोना कि तरह आपकी इन स्कैन लगी नज़रों से जो बचना होता है !


वैसे भी BDSM तो आपका भी फ़ेवरेट है इसी का शिकार ना ही जाए इसी लिए हमारे हित के लिए ही तो समाज ने क्वोरन्टाइन किया है हमें !

किसी पे भरोसा तो छोड़ो हम सोशियल मिडिया अकाउंट भी पब्लिक नहीं रखते


पुरी ज़िंदगी क्वोरन्टाइन ही तो होते है लेकिन कोरोना कि नहीं आपकी वजह से, आपकी ही वजह से क्योंकि आपके ठरक कि कोई हद थोड़ी ना है गन्दे वाले कमेन्ट जो करने है!


थोड़े दिन ही सही आप भी मज़े लो क्वोरन्टाइन के भाइयों...


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