Yayawargi (Divangi joshi)

Drama

5.0  

Yayawargi (Divangi joshi)

Drama

somewhat लव 2

somewhat लव 2

9 mins
570


स्तुति :अभी रात के दो बजे है

राहूँल :हा अभी ! एअर फोन कान में डाल के बात कर !

स्तुति : सब ठीक हे ना?

राहूँल : तू फोन करेगी या नहीं ? वरना में कभी नहीं बताऊगा !

स्तुति : बोल (धीरे से फूसफुसाते हूँये )

राहूँल : में ना आज मेंरेज बियूरो गया था लड़की देखने के लिए...

स्तुति : हे भगवान !

शामके करीब करीब साड़े पाँच बज चुके थे, ऑफिस से निकलने में स्तुतिकों आज थोड़ी देरी सी हो गई थी पार्ट टाइम नोकरी जॉइन कर्ली थी उसने...

जल्द भागके उसने लिफ्ट का दरवज़ा खोला ग्राउंड फ्लोरे का बटन दबाते हूँये फोन निकाला...

9727...

राहूँल का नंबर टाइप किया काफी हिम्मत कर ने बावजूट वो डायल न कर पायी... अब थक चुकी थी वो Beingignored होते होते6 महीनो से राहूँल ने उसे ब्लॉक कर के जो रखा था ॥

लिफ्ट रुकी, दरवाजाखुला ओर सामने खड़े थे। मिस्टर राहूँल ओर उनकी प्रिय धर्मपत्नी स्वीटी उसी आधी रात जब राहूँल ने उससे कॉल करवाया थास्तुति : तूने मेंरेज ब्यूरो में नाम लिखवाया है क्या ?

राहूँल : हाँ

स्तुति : अच्छा है ! लडिकियों का लगा है बुफ़े चाहो जो करलो चुजतीन लडकिया देखि थी उसने ओर ओर तीनों उसे भा गई थी ।

ओर सब का फोटो के साथ बायो डेटा स्तुति के फोन में आ गया था

घंटों बातें चली...

स्तुति: तेरी बीवी को न मेंं दीदी बुलौंगी

राहूँल : ठीक है साली, आधी घरवाली जी

दोनों हस्स दिये ...

एसे ही महीने बीत गए !

एक दिन करीब – करीब रात के 12 बजे

‘ये कौन है ?’

“स्वीटी, कल इससे देख ने जा रहा हूँ मेंरे मोसी के शहर में रहती है मुजसे दो साल छोटी है, पहली नज़र में तो इतनी नहीं पसंद आई पर जब ध्यान से देखा फिर अच्छी लगने लगी”

हम्म... प्यारी है, चेहेरे पे बिलकुल घमंड नहीं बिलकुल सरल स्वभाव की लगती है यह समज पाएगी तुजे !

राहूँल लड़की देख ने जाता है साथ सब लाइव अपडेट स्तुति को देते जाता है उसी दिन रात को जब राहूँल घर लौट रहा था

राहूँल :आज की रात अगर तू मेंरे साथ जाग लेगी तो तुजे एसी चीज़ दूंगा जो मेंरे दिल के बोहोत करीब हैओर शायद, वोह काली रात उन दोनों के रिश्ते के लिए कयामत की रात बनने जा रही थीओर राहूँल ओर स्वीती के लिए नया सूरज उदय करनेवालीथी

कहते कुछ रिस्तों के नाम नहीं होते, शायद इसीलिए वो इतने खास होते है ॥

पर इस्स रात कुछ एसा ही खास बेनामी रिस्ता अपनी पराकाष्ठा पार कर ने वाला था वोह भी ऑनलाइन...स्तुति : क्या चीज़ है वोह ?

राहूँल : मेंरे ओर स्वीटी का इंटरव्यू सिर्फ मोम डेड ओर मेंरे कज़न को ही यह सुनाया है अब तू बाकी है तुजे सुनके हमेंशा – हमेंशा के लीये संभाल के कही रख दूंगा

स्तुति : ड्राइव तो नहीं कर रहा न

राहूँल : नहीं ! ड्राईवर चला रहा है ओर मैं बाजू मेंं बेठा हू मेंरी माँ को मेंरी ड्राइविंग पह भरोसा ही नहीं है

स्तुति : में आंटी के साथ हूँ

राहूँल : यार ! स्वीटी एक बार मेंरी ज़िंदगी में जाएगी तो अपनी इस दोस्ती का क्या होगा । वेसे तो वोह बोहोत अछी है पर... चल तेरा इंटरों करावा दूंगा

स्तुति : तेरे सारे राज़ मेंरे पास पर्दाफाश है तेरी बीवी को मेंरे पास कोचिंग पे रखना पड़ेगा

राहूँल : वोह बात तो सही कही । हमारा प्यार कितना पवित्र है मैं बातों से कितना भी तुजे छेड़ लू लेकिन जब तू साथ हो तब कभी उसस नज़र से तुजे देखा तक नहीं ॥

स्तुति : पता है इसीलिए तू मुझे पसंद्द है, तू बिलकुल वेसा है जेसा मेंने सोचा था की मेंरा हमसफर केसा होगा, क्या फाइदा !तू मेंरा नहीं है

राहूँल : सच ! मैंने तुजे पहले ही कहा था हमारे रिस्ते का कोई भविस्य नहीं है, पर अब कुछ हो भी नहीं सकता

स्तुति : हो सकता है .. पता है क्या ! किड्नाप्पींग

राहूँल : तुजे बिन पिये चड़ गयी लगता है

स्तुति : अरे सच तुजे तेरी ही शादी से उठा के ‘कहो न प्यार है’ की तरह किसी सुमसन आइलेंड पे ले जा सकते है

राहूँल : थक जाएगी तू

स्तुति : क्यूं ?

राहूँल : अब कोई सूमसन आइलेंड पे ले जाके इसे ही नहीं छोड़ता अब कुछ करेंगे तो थक ही जाएगी न तू

स्तुति : तू जा अब ( न जाने एक लहर उसके पूरे बदन में डॉड गई जेसे करेंट लग रहासपनों की दुनिया में वो खोते चले गए

मदहोश न थे पर मद होश होते चले गए

न जाने क्या बात थी उसकी बातों में

न चाहते एक दूसरे होते चले गए

एक सुकून मिलथा स्तुति को नज़र भर मिलने से, पता नहीं अगर बाहे मिल जाती तो क्या होता

पर अब जो होने वाला था वोह तो सपने में नही न सोचा था जिससे जीएम कहके दिन होता था सोने दो अब नींद आ रही है से सुरमई राते आती थी वोह हवा होने वाला थ बस एक कहानी बन के रेह जाने वाला था ॥

स्वीटि शादी के लिए हाँ करने वाली थी, शादी का फ़ाइनल करने वोह राहूँल के घर आने वाले थे दिन से राहूँल से ऑनलाइन या फोन पे मिलना नहीं हूँआ था, स्तुति की चिंता बढ़ती जा रही थी के अगर फिर से किसी लड़की ने रिजैक्ट कर दिया तो क्वीन की कंगना रनोट को संभाल न मुकिल हो जामेंरा तो पूरा जिंदगी बर्बाद हो गया है कह के रोने बेट जाएगा राहूँल !

दुपहरी को राहूँल का फोन आया

स्तुति : क्या आया तेरा रिज़ल्ट ?

राहूँल : मेंरा रिज़ल्ट मेंरी बगल में ही बेठा है ले बात कर !

स्तुति : क्या ? सुन ! किसे दे रहा है फोन ? क्या कहा स्वीटी ने? हैलो हैलो राहूँल !

स्वीटी : हैलो

सामने स्वीटी थी, शहद जेसी आवाज़ लिए, हदबड़ाहट ओर घभराहर में कुछ बोल न पायी स्तुति congratulations कह के फोन रख दिया

सुभे जब उठी तो राहूँल का मैसेज पढ़ा कॉल कर बात करनी है ॥

माँ – पापा सो रहे थे बचते-बचाते दूसरे रूम में जाके कॉल किया

राहूँल : आज सुभे उठके मुझे सब से पहले तेरा ख्याल आया के तू कल से चिंता में होगी चल तुजसे बात करलु, तू ही तो है मेंरा पहला प्यार !

स्तुति : अब रहने दे ! झूठ किसी ओर के पास बोल ना, पूरी लिस्ट है मेंरे पास तेरे प्यारो की, चलो में एसा कहू तो भी कुछ हद तक वो ठीक है ! !

राहूँल : तो बोल ना ! यही सुन ने के लिए तो तरस गया हूँ, कहा कह रहा हूँ मुजसे ब्याह कर बच्चे कर, सिर्फ आई लव यू तो कहना है ॥

स्तुति : ( थोड़ी नोक-जोक के बाद टॉपिक बदल ते) अच्छा ! कल के बारे में बता कुछ !

राहूँल : अब कल के बारे में क्या कहूँ ! हम लिफ्ट में जा रहे थे, लिफ्ट में केमेंरे थे नहीं तो मैंने क्या किया... लिफ्ट दूसरे ओर तीसरे माले के बीच रोक दी ओर मैंने उससे कीस के लिए पूछा ओर बाद में हम ने लीप टू लीप नहीं जीभ टकराए एसी फ़्रांच वाली कीस की बाद में टाइट हग किया ॥

स्तुति : छि……… यक... ईव....

राहूँल : अब यक क्या उसमें, वेसे स्वीटी तुजे तेरे सोतन के रूप में केससोतन ! बोलने से पहले कहा कुछ सोचता था कभी कुछ भी, कही भी, किसी के बारे में, बेजीजक, बेधड़क कह देता था वोह स्तुति से.... पर अब जो होने वाला था वोह तो कल्पना से भी परे था !

रात के दो बजे ‘मेंरा’ राहूँल ऑनलाइन मन ही मन बोल जाने के बाद स्तुति ‘मेंरा’ श्बदइतरा गयी ! उसे मेंसेज किया की बोहोत देर हो गयी है सो जा ओर उसके रिप्लाइ की राह देखने लगी आधा घंटा बीत चुका था राहूँल के नाम पे से वोह ऑनलाइन नहीं हटा थक के स्तुति सो गयी आज पहली बार उसे लगा के,

वो जो देर रात तक जगके गुज़री हूँई वोह राते थी

क्या सच मैं था प्यार या सिर्फ बाते थी !

तीन दिन हो चले थे न कोई बात हूँई, ना ही कोई बात पता चली

अचानक एफ़बी पे पोस्ट देखि

“Sheistheone,love of my life sweetie thanks dear for coming in my life, you are that perfect girl which I always dream for…वाह ! सिर्फ तीन दिन में जनाब को पता चल गया के वो वही लड़की है ड्रीम गर्ल

कुछ दिन बाद रिप्लाइ आया स्वीटी के साथ बात कर रहा था

स्वीटी यह, स्वीटी वो, उसे ये पसंद है, उसे वो पसंद है, यह खाना उसे बोहोत अच्छा लगता है, वोह खाना बनाने में बोहोत अच्छी है...

स्तुति फ्लैश बॅक में चली जाती है

स्तुति :सोच ले पूरी ज़िंदगी एसी जली हूँई रोटिया ही मिलेगी

राहूँल : एसी ही रोटिया खानी है पूरी लाइफ कुछ करना


काफी दिनो बाद स्तुति ने कॉल किया

“ कहा है, क्या कर रहा है, क्यू कर रहा है, कुछ पता है तुजे या हम सबको भूल ही गया है न मेंसेज का आन्सर देता है न फोन उठता है, पहले कही जाता था तो पूरा टाइम टेबल भेज देता था, अब हफ्ते भर से न बात ना चेट इसी दुनिया में है ना ?”

इक ही सांस में सब बोल गई स्तुति,

“ भूल गया सब कुछ, याद नहीं अब कुछ हो हो, बस्स यही एक बात न भुला स्वीटी आई लव यू “उ....उ....उ.....

“ स्वीटी होले होले चलो एसे न चलो जेसे हो तमंचे की गोली; गा लिया मेंरे कानो में ज़ोरों ज़ोरों से, मिल गई शांति अब कुछ बताएगा ?”

“अरे मेंरे ससुराल आया हूँ चल बाइ स्वीटी बुला रही है उसके लिए गहने लेने जाना है, शादी की डेट फिक्स हो गई हे ना ! ! ‘

“ अरे यह तो बाता कब है ?”

“इस्स महीने की पाँच को, चल बकिसी की जिंदगी में जब हमारे मायने बोहोत खास से आम से हो जाते है तब येही ‘आम’ हम हजम नहीं कर पते गुठली मानो गले में अटक जाती है, स्तुति की हालत भी कुछ एसी होती जा रही थी...

एसे ही दिन बादल बन के उड़ते गए, वहा राहूँल के जीवन में तो बसंत आई हूँई थी पर स्तुति की हालत तो पतजड के मोसम जेसा होता जा रहा था...

एक रात उस ने एफ़बी पर से स्वीटि का नंबर लिया ओर बात करने लगी

बातों में कुछ खास नहीं जितना दो साल में स्तुति राहूँल को जानती थी उतना स्वीटी 2 हफ़्तों में जान ने लगी थी

पिंगा गपोरी गाना दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था, आज वोह बाजीराव मसतानी मूवी की काशी बाई जो बन गयी थी... जिनकी आप पत्नी है वोह हमारे भी पति है कितनी ड्रामेंबाज़ थी यार यह स्तुति

गलती से मज़ाक मज़ाक में उसने राहूँल को मेंसेज कर दिया के देख मैं तेरी वाट लगेगी पर वाट लग गयी उसकी

आगे उसकी शादी का कार्ड था ओर थोड़े घंटों बाद लिखा था

थैंक यू, थैंक यू सो मच... तेरे जेसी दोस्त हो तो दुश्मन की क्या ज़रूरत ! कितनी मिन्नतों के बात मेंरी लाइफ में खुशिया आई थी, पर तुजसे तो ये तक न देखा गया, यह ऊमीद नहीं थी तुजसे गुड बाइ हमेंश के लिए, अच्छा सिला दिया तूने में प्यार का।

सुभे जब स्तुति ने देखा तो वोह हदबदा गयी थी एक धड़कन भुल गई थी, कुछ भी समजने में असमर्थ थी वोह, एसा क्यू कहा राहूँल ने क्यूँ, स्वीटी ने मुझे ब्लॉक कर दिया, राहूँल ने भी ब्लॉक कर दिया, एसी कोन सी खता हो गयी उससे, पैरों तले से ज़मीन खिसक जाना इसे ही कहते है शायद।

उसने कॉल किया अलग अलग नंबरो से किया कोई जवाब नहीं कल शादी है उसकी क्या हूँआ होगा, क्यूँ, कैसे, क्या स्वीती ने कुछ कहा होगा, क्या उसकी मुंह से कुछ निकाल गया होगा राहुल के बारे में जानने के लिए अगला और आखरी हिस्सा आएगा जल्द...

Do review and comment !sorry for the being late… somewhat loves you all my reader·  


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama