Yayawargi (Divangi joshi)

Drama

5.0  

Yayawargi (Divangi joshi)

Drama

सम व्हाट 4

सम व्हाट 4

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हाँ आज पूरा 1 साल खत्म हूँआ स्वीटी को राहूँल की ज़िंदगी में आए और स्तुति की जिंदगी से राहूँल को गए।

इतनी बुरी तरह से हर्ट होने के बाद स्तुति का सिर्फ उसके एक कॉल पे मिलने जाना लाज़मी तो न थालेकिन शायद यह आखरी मोका था जब वो उसे करीब से देख सके, उसकी आंखों को अपनी तरफ देखते देख सके, उसकी आवाज़ में अपना नाम सुन सके ! शादी के बाद बदल गया होगा क्या वो ? मुझे देख के क्या बोलेगा ?

हम किसी से मिलते हैं उससे पहले अनेक बार हम उनसे मिलते हैं शायद वो मिलना एक-दो घंटे का हो लेकिन वो मिलने का ख्याल और मिलने की चाह बार-बार मन में हमें मिलाती रहती है !

राहूँल हर बार की तरह देर से आया, सेमिनार मानो उसिके इंतज़ार में था उसके आते ही शुरू हो गया ! अब वहापे सभी को अपने गेस्ट को इंट्रड्यूस करवाना था लगभग डेढ़ शों जीतने लोगों के सामने पहली बार राहूँल उसे उसकी दोस्त कहके बुलाने वाला था और उसके ज़िंदगी में उसका महत्व बताने वाला था।

“मेंरी मेंहमान है स्तुति ! में उसे लगभग एक दो सालो से जनता हूँ ( दो साल के ऊपर सात महीने हो गए, हा लेकिन सात महीने कहा साथ थे ) स्तुति काफी इंटोवर्ड पर्सन थी मेंरे साथ रहके थोड़ी एक्स्प्रेसिव हूँई है ”

मोटीवेटर ने बोला उसकी तारीफ करनी है खुद की नहीं !

तीन घंटे का सेमिनार! तीन घंटेका साथ! जब मोतिवेटर ने पूछा अभी-अभी किस की शादी हूँई है छलाँगे मार-मार के राहूँल ने हाथ खड़ा कियाथा !

अच्छा पति था राहूँल मंथली एनिवरसरी पे तरह-तरह के गिफ्ट देता , स्वीटी को उसके मायके ले जाता पूरा सर्वगुण समपन पति लेकिन स्तुति को भी तो उसकी आदत थी उसके ज़िंदगी की हर छोटी-बड़ी बात उसे राहूँल को बाटनी होती लेकिन जब भी कॉल करो या तो जनाब बिज़ि होते या तो उनका कॉल उनकी अर्धागनी स्वीटीजी उठाती और स्वीटी से करनी पड़ती ढेर सारी फेक बाते !

“देखो ना डियर! राहूँल मुझे दीवाली की छूटियों में मायके नहीं जाने दे रहे !”

मुझे क्या! तू मायके जाए ना जाए या फिर कुवे में जाए और जब जब राहूँल को बोलो के कम से कम हफ्ते में तो एक बार बात कर लिया कर तब एक ही आन्सर आता “मेंरी शादी हो गई है तुजे समजना पड़ेगा।”

राहूँल एसे बाते करता मानो पूरी दुनिया में उसके अकेले की शादी हो गई है उसके ज़िंदगी की हर वोह छोटी-बड़ी बात जो पहले रात को ‘दो’ बजे भी बताना ज़रूरी था अब वोह उसकी पोस्ट से पता चलता था।

बदल गया था और उसका ये बदलाव स्तुति से हजम नहीं हो पा रहा था यह मानना के वोह अब किसी का हमसफर है यह बात नहीं गले पे अटक गई थी और उसस स्वीटी के साथ उसकी पोस्ट देख के इतना गुस्सा आता के उसे कच्चा खा जाए उसके लिए नफरत दिन व दिन बढ़ती जा रही थी और गुस्सा एक एसी चीज़ है जो दूसरों से पहले खुद को मार देता है फोटोस पोस्ट देख के चिड़ना,गुस्सा होना ,नफरत करना अरे यार हमारी स्तुति नहीं थी एसी ...

उसका बर्थड़े आनेवाला था उसे इतजार था राहूँल का कम से कम रात के बारा बजे मेंसेज ही करदे पर नहीं दूसरे दिन तीन बजे के बाद सिर्फ हॅप्पी बी डे! यह मेंसेज फडके मानो पूरे जन्मदिन का का सत्यानाश हो गया !

“इसका मतलब उसे मेंरा जन्मदिन तक याद नहीं पिछले साल भी कहा याद था तब तो माफी मांगी थी, कॉल भी किया था लेकिन इस् बार बर्थ का पूरा स्पेलिंग भी नहीं लिखा गया उससे , परसो उसकी स्वीटी का जन्मदिन मेंरे ही बर्थ मंथ पेदा होना था उसे उसने राहूँल को सामने से कॉल किया हैलो...हैलो कट”

बोहोत इंतज़ार किया सामने से कॉल ना आया राहूँल यह जनता था के स्तुति का बर्थड़े है फिर भी !

मायूस, गुमसुमरहने लगी स्तुति... रेडियो सुन रही थी किसी ने पूछा के मेंरा एक्स बॉय फ्रेंडकी शादी हो चुकी है अब वो चाहता है के हम अब दोस्त बनके रहे में क्या करू कुछ समज नहीं आ रहा ?

आरजे वश ने कहा के आसान जवाब है नहीं !

“क्या आप इतने काबिल है के उसे किसी और के साथ वोह सारी चिजे करते देख पाएंगे जो आपको भले ही अंदर ही अंदर पर कभी उनके साथ करने की इच्छा थी ? क्या अपने आप को यह सोचने से रोक पाएंगे के अगर इसकी जागा में होती तो क्या बात थी? क्या आप खुद की और उनके पार्टनर की तुलना करने से खुद को रोक पाएंगे ? आप उसे आगे बढ़ता देख के खुद आगे बढ़ पाएंगे ? याद रखिए उनकी ज़िंदगी में कोई और आया है वोह आगे बढ़े है आप तो अभी उस मोड़े पे खड़े है जहा वोह आप को छोड़ के गए थे ! अभी आप को अपनी ज़िंदगी में आगे बढ्ना है आप उनही में उलज के रेह जाएंगे यह देखते और तुलना करते रेह जाएंगे के मेंरे साथ एसा और उसके साथ वेसा! वही अटक जाएंगे...”

इससे अच्छा है उसको वटका दे ! उस्से सारे नाते तोड़ दे अपनी ज़िंदगी में आगे बड़े क्यूकी “ज़िंदगी worth है व्यर्थ नहीं ।“

स्तुति ने खुद को देखा वो भी तो यही कर रही थी या तो वोह उन यादों में खोई रहती जब राहूँल उसके था या उन ख़यालो में अगर राहूँल होता तो वोह क्या कहता और अगर स्वीटी के बदले वोह वहा होती तो क्या होता उसकी बेबुनियाद कल्पना जिसका कोई अर्थ था ही नहीं इतने महीनो में राहूँल आगे बढ़ चुका था स्तुति उसकी एक दोस्त मात्र थी बस एक कोंटेक्ट नंबर !

अब इस उलजनों के बवंडर बाहर केसे निकला जाए कही न कही राहूँल ने समवन स्पेशल की जगह ले ली थी उसकी जगह पे किसी और की कल्पना करना भी नागवारा था और उसके रहते आगे बढ़ना खुदके बारे में सोचना नामुमकिन सा था!

उसी रात जब स्वीटी का जन्मदिन था स्तुति ने अपने दो-तीन सुंदर फोटो लिए और पोस्ट किया इसमें तेरा घाटा मेंरा कुछ नहीं जाता जादा प्यार हो जाता तो दिल सेह नहीं पता फिर एक लिखी के,

“वॉट इस इन ध नामें लेकिन, कुछ नामो से नफरत ज़रूर होती है”

स्वीटी नाम वाले गानो से भी अब नफरत हो चली थी कोई बोले के आप कितने स्वीट हो फिर भी एसा लगता के इससे अच्छा तो तुम गाली दे दो !

राहूँल का मैसेज आया “तू किसको कह रही है ये देख पहले !!”

“तेरी ज़िंदगी है तू जो करना चाहे कर सकती है सोर्री”

अब तो दिल में कुछ नहीं रखना था सब कुछ नहीं रखना था फिर जो ज्वाला मुखी फूटा है ना...

“क्या है तूजे इतना इग्नोर क्या करता है क्या मांगा मैंने के मेंरे मेंसेज का रिप्लाइ किया कर , हफ्ते में एकाद घंटे बात करले साल में एक बार मिलले पर नहीं और कुछ जादा बोलो तो जनाब कहते है के मेंरी शादी हो गयी है तुझे समज ना चाहिए तंबूरो समज न चाहिए क्या मांग लीआ एसा मेंने ? वन नाइट स्टेंड करने को बोला क्या मेंरे साथ ? इतनी फटती है क्या तेरी बीवी से, क्या था वो ?मेंरी वाइफ़ आ जाएगी फिर ब हमारी दोस्ती रहेगी ! में तुजे कभी अकेली नहीं रखूँगा तू मेंरी सची दोस्त है ! एसी दोस्ती निभाई तूने ! और तेरी वो स्वीटी कितनी कड़वी है, वो कोडी जेसी आंखे , पकोड़ा घूमा के उल्टा रखा हो वेसा नाक बरगद के पेड़ो की शाखायहा वह लिपटी हो एसे बाल और केसुड़ा का फूल जब सूक जाए और जो रंग हो वेसे बेढंगे होठ! 36 24 36 का फिगर होता है लेकिन उसका तो संकु आकार का है और जब हसे तो एसा लगे मानो अभी उल्टी हो जाए! और तू भी कोई हैंडसम नहीं है सिगरट पिता है , दारू पिता है... हा वाइन भी दारू ही होती है अंडे खाता है तू ! अच्छा हूँआ में बच गयी हम एक दूसरे के लायक ही नहीं थे और पता नहीं क्या क्या... सारी भड़ास एक जटके में निकाल दी !

दूसरे दिन उठके खूब रोयी स्तुति!खुदा से माफी मांगी, किसी को उसे देखाव से नीचा दिखाना बोहोत बुरी बात होती है। अपने दोस्त को इतना बुरा बुरा बोला उसे कितना दुख हूँआ होगा उसे !उसकी स्तुति एसा बोलेगी यकीन नहीं आया होगा राहूँल को !

लेकिन जो हूँआ अच्छा हूँआ दिल से एक बोज हल्का हो गया जो उसे अंदर ही अंदर खा रहाथा क्यूंकी

जो आसू ज़मीन पे नहीं गिरते दिल चीर जाते है !

अब राहूँल के वापस आने की कोई गुंजाइश नहीं थी सभी यादे सँजोके पासवर्ड डालके लैपटाप में समा दी ! एक आखरी मेंसेज आया राहूँल का

“कूल निकाल दिया सब , एक दोस्त दूसरे दोस्त से यही चाहेगा के सामने वाले के मन में मेंरे खिलाफ कुछ न हो और स्वीटी के लूक्स देखके मेंने उससे शादी नहीं की थी उसका सरल स्वभाव को देख के की थी वेसे तू भी कोई मिस वर्ल्ड नहीं है मेंरे जीतने भी एक्स रेह चुकी है उनकी खूबसूरती के सामने रत्ती भर भी तू न आए !कोई बात नहीं में तुजे जानने में गलत रहा लेकिन एक ज़िंदगी भर का सबक मिला हमेंशा-हामेंषा के लिए अलविदा मेरी सबसे अच्छी दोस्त !”

वो हूँआ जो हो ना चाहिए था पर वो हौवा जो स्तुति चाहती थी !

थोड़े महीनो बाद किसी अंजान नंबर से कॉल आया हैलो में स्वीटी बोल रही हूँ लो राहूँल से बात करो “हैलो ! क्या मेंसेज भेज रही हे तू मुझे मेंरे मेंरीड लाइफ पे इन सबका क्या असर होगा वो तो अच्छा है की स्वीटी है वरना कोई और होता तो पता नहीं क्या अनर्थ हो जाता”

में बाद में बात करू अभी बिज़ी हूँ .............................. फोन कट गया

कुछ रिसते अपनी एक्स्पायरी डेट लेके आते है उसके बाद उनका खतेम होना लिखा ही होता है लंबे खिचने पर कड़वाहट आ जाती है रिस्तो पे भी फफूँन लग जाती है टॉक्सिक हो जाते है अगर समय पर उन्हे बाहर न किया जाए तो हमें नासाज़ कर सकते हे कबीर सिंग बना सकते है सही समय पह उनकाना खतम होना अनिवार्य हे॥

स्तुति ने एक आखरी मेंसेज किया ,“देखो ,हम दोनों का एकदूसरे से दूर रहना ही दोनों के लिए अच्छा है ,ना तू अब मुझे दोस्त से जादा मन सकता है ना तो में तुजे सिर्फ अपना दोस्त रख सकती हूँ इससे और मेंरी नादान और अड़ियल फीलिंग्स तेरी शादीशुदा ज़िंदगी बिगाड़े ये ना मै चाहती हूँ ना तुम ! तू गुस्सा हो मुझसे दूर चला जाए यही मै चाहती थी इसीलिए वोह मेंसेज लिखा मेंने! अलविदा हमेंशा के लिए !


आज एक साल हो चुका है राहूँल की ज़िंदगी में क्या चल रहा है न स्तुति को पता है न स्तुति के बारे में कुछ राहूँल को। स्तुति कभी-कभी राहूँल की फेस्बूक प्रोफ़ाइल देख के मुस्कुरा देती है कोई मूवी देखके राहूँल को याद कर लेती है एक डायरी रखी है हर जो बात उसे राहूँल को बांटनी होती है वो उस डायरी में लिख देती है।


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