भाई बहन का अटूट रिश्ता
भाई बहन का अटूट रिश्ता


भाई बहन इस दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। इस रिश्ते की एहमियत रक्षा बढ़ वाले दिन सर्वाधिक होती है।
कुछ लोग इस पवित्र रिश्ते पर भी अपनी बुरी नज़र डालने से खुद को नही रोक पाते। ओर दुर्भाग्य से वह लोग खुद परिवार में ही होते है।
आज मै यह कहानी इसलिए ही लिख रहा हु की भाई बहन के पवित्र रिश्ते को दिखा सकू ओर उन लोगो की हींन भावना को दिखा सकू।
सूचना : इस कहानी का उद्देश्य किसी की भी भावनाओ को ठेस पहुचाना नही है
एक शहर में एक परिवार था जिसमे रहते थे भाई बहन , माता पिता व एक दादी। बहन कुवारी थी पर भाई कि शादी एक सोनालिका नामक स्त्री से हो गई थी। सोनालिका ओर रजत एक अलग घर मे रहते थे।
सोनालिका अपनी ननद अर्थाथ रजत की बहन प्रियंका को बिल्कुल पसंद नही करती थी। रजत इस बात से बहुत परेशान रहता था क्योंकि वो अपनी बहन प्रियंका से अत्यंत प्रेम करता था। ओर सोनालिका रजत की इस भावना को बिल्कुल भी पसंद नही करती थी।
एक दिन सोनालिका अकेले में बैठी हुई थी तब अचानक प्रियंका का फोन आ जाता है और तब सोनालिका फ़ोन उठा लेती है फिर
प्रियंका : नमस्ते भाभी !
सोनालिका : नमस्ते दीदी। कैसे फोन किया ?
प्रियंका : कुछ नही ! सोचा हाल चाल पुछलु।
सोनालिका : दीदी ! मैं बादमे फोन करती हूं।
सोनालिका फोन रख देती है। वह अब सोचने लगती है कि दीदी के फोन तो बहुत आने लगे है। मुझे इन भाई बहन का रिश्ता खत्म करना ही होगा। मैं एक काम करती हूं रजत को भड़का देती हूं। फिर इनके घर मे कलेश होगा ओर इस प्रियंका के फोन आने भी बंद होंगे।
रजत घर पर आ जाता है ओर फिर सोनालिका रजत के पास जाती है और प्रियंका के फोन की बात बताती है। सुनकर रजत बहुत खुश होता है। तब सोनालिका उसकी खुशी में आग लगाना शुरू करती है। वह कहती है कि दीदी कह रही थी कि आप तो कुछ करते ही नही ! आप तो बस युही मुफ्त का खाते हो। ऐसे ही सोनालिका प्रियंका के विरुद्ध काफी सारी बाते बोलती है। तब रजत चला जाता है।
रजत को अपनी बहन पर पूरा विश्वास था कि उसकी बहन ऐसा नही कह सकती तब रजत ने प्रियंका को सारी बात बताई। तब प्रियंका को बहुत दुख हुआ। तब रजत ओर सोनालिका प्रियंका के घर गए। तब प्रियंका ने रजत के हाथ मे राखी बांधी ओर सोनालिका को अपनी गलती का एहसास हुआ।