बदलती सोच!
बदलती सोच!
आज सुबह मिसेज कपूर का बहुत घबराहट से भरा फोन आया।वो जल्द से जल्द हमें अपने घर बुला रही थी।मिसेज कपूर वैसे तो हमारी पुराने घर में पड़ोसी थे पर काफी साल साथ रहने से उनसे परिवारिक रिश्ता ही बन चुका था। मैने अपने जानने वाले एक संस्कारी परिवार में उनकी बेटी का रिश्ता तय करवाया था। कल रात ही उनकी बेटी की सगाई से हम लोग होकर आए थे। शाम को मेहंदी की रस्मों में फिर जाना था शादी कल की थी। उनके इस तरह के फोन से मन मे सौ तरह के सवाल उठने लगे कि कहीं मैंने इस रिश्ते को करवाकर गलती तो नहीं की। मैं जल्दी से बच्चों को नाश्ता देकर अपने पति के साथ उनके यहां पहुँची तो वो और मिस्टर कपूर बहुत घबराए हुए दिखे।हमें देखते ही बोली लड़के वालो का फोन आया है कि वो लोग घर आ रहे हैं बोल रहे हैं कि कुछ जरुरी बात करनी है तो आप लोग घर पर अकेले ही मिलें ।वैसे तो शादी के लिए मिसेज कपूर ने एक काफी बड़े होटल में इन्तजाम किया हुआ था। सभी रस्में भी वहीं थी। सभी रिश्तेदार भी उसी होटल में ठहरे हुए थे तो घर में कोई था भी नहीं । वैसे तो मिसेज कपूर अपनी बेटी को काफी कुछ दे रही थीं। फिर ऐसा क्या था की लड़के वाले शादी से एक दिन पहले इस तरह मिलना चाह रहे थे। थोड़ी देर में वो लोग आ गए। साथ में कल रात को सगाई में दिया गया काफी सारा समान भी था। देखकर सभी के मन मे घबराहट होने लगी।मैं मिसेज कपूर को संभालते हुए उन लोगों के स्वागत में लग गयी ।कुछ देर बाद उन्होंने जो कहा सुनकर लगा की आज भी समाज में ऐसे लोग हैं क्या?
वो लोग हाथ जोड़कर बोले आपने रात को सगाई में जो कुछ भी दिया सभी के सामने आपके मान सम्मान को रखते हुए हमने ले लिया और आज जब हम दो परिवार एक हो रहे हैं तो हम चाहते हैं की आप इस समान को वापस ले लें और अकेले मिलने के लिए भी इसी लिए बोला कि सबके सामने आपके दिए हुए मान सम्मान को वापस करके आप के मन को दुखाना नहीं चाहते थे। हर मां बाप का सपना होता है वो अपनी बेटी को ज्यादा से ज्यादा दे और समाज में सबके सामने आपके दिए समान को ले लिया ।
ईश्वर का दिया हमारे पास सबकुछ है और आपकी बेटी को वहां कोई कमी नहीं होगी। इस बात का पता हम दोनों परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को नहीं चलेगा। आँखों में आंसू और होंठो पर मुस्कान लिएमैं सोच रही थी काश आज हर लड़के वालो की सोच ऐसी हो जाए तो किसी की बेटी कभी दहेज बलि न चढ़े।