उसकी उड़ान!

उसकी उड़ान!

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आज मेरे आंखों में आंसू तो थे पर होंठो पर मुस्कान भी थी....शायद इसी को खुशी के आंसू कहते हैं।

आज उसकी पहली उड़ान थी,अकेले जा रही थी वो अपने सपने पूरे करने और मुझको लग रहा था कि वो नहीं आज मैं उड़ान भर रही हूँ ।सच कर रही थी वो मेरा हर सपना ,वो सब करना चाहती थी जो मुझसे अधूरा छूट गया था, जिन सपनो को देखा तो था मैने पर चाह कर भी तो पूरा नहीं कर पायी कभी मैं,उन्हें वो पुरा कर रही थी।

मेरी नन्ही सी बिटिया जो फुलो से भी डरती थी मां की गोद के सिवा वो किसी के पास नहीं जाती थी,उसके भविष्य को लेकर मै हमेशा चिन्तित रहती थी कैसे इस जमाने की भागती रफ्तार से अपनी रफ्तार मिला पायेगी ,मगर उसने अपनी मेहनत और लग्न से अपने रास्ते की हर कठिनाई को बड़े सब्र से और हिम्मत से पार किया था। आज वो जिन उंचाईयो पर थी उसकी खुद की मेहनत और लग्न थी,वो आज इक बहुत बड़ी कम्पनी में बहुत अच्छी पोस्ट पर थी।

अक्सर कहा करती थी, देखना मां मैं इक दिन खुदके लिए इक ऐसा आसमान बनाऊंगी जिसमें आपके देखे सारे सपने पूरे होंगे और उसने कर दिखाया था।

आज वो विदेश जा रही थी अपने परो पर उड़कर और मैं देख रही थी खुद को उसकी उड़ान में।

मित्रों बेटिया बहुत प्यारी होती हैं, इनको खुदके फैसले लेने दे इक बार उड्ने तो दे इनको अपने पंख फैलाकर,फिर देखिये ये आपको इक नया आसमान दिखायेगी आपके सपनो का।

"मेरी बेटी मेरा गरुर"


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