बौनी उड़ान
बौनी उड़ान
मुझे कविता, कहानी, लेख लिखने का शौक बचपन से ही था, सगाई हुई तो शायरी करने लगी, शादी के बाद जिम्मेदारी निभाने के साथ नौकरी करते हुए नोटिंग-ड्राफ्टिंग तक सीमित रहा।
पिछले 3-वर्षों में जिंदगी की ऊहापोह में मुझे विषम परिस्थितियों से जूझते हुए मानो एक पल ऐसा लगा, मैंने आत्मविश्वास खो दिया हो, शौक सपनों की दुनिया में धुमिल हो गया हो।
फिर इस मंच के रूप में मिली नयी राह, मेरा आत्मविश्वास पुनः लेखनी के माध्यम से बुलंद हो उठा, मुझे मिली नवीन पहचान। अब बौनी उड़ान भरते हुए अपने पैशन लेखन के टशन को रौशन करना है ।