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Varsha abhishek Jain

Drama

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Varsha abhishek Jain

Drama

बौनी उड़ान

बौनी उड़ान

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छुट्टी का दिन और ढेरो काम एक विचित्र सयोग, छुट्टी के दिन ही तो सब से ज्यादा काम होते हैं। इसे छुट्टी का दिन की जगह एक्सट्रा काम का दिन कहना गलत ना होगा। खैर 2 बज रहे हैं पेट में चूहे रेस लगा रहे हैं पर अभी सासू माँ ने खाना नहीं खाया ना पति देव ने तो फिर मैं केसे ?

अरे क्यूँ नहीं सासू माँ को तो 12 बजे जूस बना के दिया है ओर पति देव के दोस्त आ गए थे तो उन्होने भी चाय समोसों का लुफ्त उठाया है। मैंने 8 बजे चाय पी थी फिर पूरे घर की साफ़ सफाई.. कपड़े धोने बच्चे का काम.. अब जिसको जब भूख लगेगी खा लेगे.. मैं अब दो बजे के बाद किसी का इंतज़ार नहीं करती।

समीर मेरी फ्रेंड की गोद भराई का फंकशन है प्लीज़ मुझे छोड़ दो.. मैं पहले ही लेट हूँ.. तुमने कल कहा था मैं छोड़ दूंगा वरना मैं अपनी दूसरी सहेलियों के साथ चली जाती तुम्हारे इंतज़ार में 2 घंटे लेट हो चुकी हूँ। मुझे लगता है अब पहुँचूँगी तो भी सब रस्में हो चुकी होगी.. यार सॉरी पर अब मुझे ऑफिस जाना है अर्जेंट.. अब वेसे भी जा कर क्या करोगी बहुत लेट हो गया.. ओके बाय.. समीर दिशा को बिना लिए ही चला गया.. अगले दिन दिशा ने ड्राइविंग क्लास जॉइन की 10 दिन में क्लास पूरी करके 1 महीने में लाइसेंस भी ले लिया.. अब उसे कही जाने आने के लिए किसी का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।

इस महीने का घर खर्च तुम कब दोगे अजय 15 तारीख हो गई है बिल स्कूल फ़ी देनी है.. दूध वाले का हिसाब करना है.. क्या गोरी सुबह सुबह शुरू हो जाती हो.. हर महीने इतने पेसे देता हूँ पर तुमसे घर नहीं संभालता.. माँ से सीखो मेरी कितनी तंगी में भी कितने सलीके से घर चलाती है. मन को आहत करने वाली बातो को अपनी ताकत बना कर फिर से अपनी डांस क्लास खोली जिसे शादी के बाद सास ने नाच गाना पसंद ना होने की वजह से बंद करा दिया था.. अब आत्‍मनिर्भर बनने के बाद हाथ खर्च के लिए किसी का इंतज़ार नहीं करना पड़ता. 

ऎसे ही कितनी छोटी छोटी चीज़े होती है जिसके लिए किसी पर निर्भर होने की जरूरत ही नहीं.. किसी का इंतज़ार किए बिना भी हम अपनी जिंदगी आसानी के साथ जी सकते हैं।


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