Vimla Jain

Tragedy

4.5  

Vimla Jain

Tragedy

बैंगनी दुपट्टा

बैंगनी दुपट्टा

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350


एक लड़की बड़ी प्यारी सुंदर सी जिसको हमेशा हमने पीछे से ही देखा था। हमारी कॉलोनी में नई नई देखने में आई थी ।और किसी से दोस्ती नहीं बनाती थी।बस अपना काम और वापस घर हमेशा एक बैंगनी दुपट्टा गले में डाले रहती थी मुंह पूरा उस से ढका हुआ रहता था। खाली आंखें खुली रहती।वह रोज एक निश्चित समय पर मेरे घर के सामने से निकलती थी, उसके मुंह पर एक बैंगनी कलर का दुपट्टा पूरा बंधा हुआ होता था।जो हमारे लिए बहुत आश्चर्य की बात थी। मगर खोजी दिमाग है ना जो बात की तह तक जाने से नहीं रुकताखाली आंखें ही दिखती थी।बड़ी प्यारी रहस्य से भरी आंखें मुझे रोज लगता था, कि यह कौन है और क्यों अपने आप को इतना ढक करके जाती है ।जब भी उसको देखती थी तो मन में बहुत ही बेचैनी होती थी। और लगता था कि कौन लड़की है। इस तरह से अपने पूरे मुंह पर दुपट्टाबांधती है ,हाथ पर हमेशा लंबे वाले दस्ताने पहने रहती है। कौन है यह। और लड़की लगती तो बहुत अच्छी है, बहुत अच्छी ड्रेस अप होती है।  व्हीकल में भी वह हमेशा काइनेटिक पर होती है। और खाली आंखें दिखती है तो भी काफी सौम्य लगती है। ड्रेसेस भी काफी अच्छी पहने रहती है। कौन है यह पता नहीं कौन सी गली में रहती है। पर रोज घर के सामने से निकलती है लगता तो है आसपास मे ही रहती होगी। यह दिन पर दिन यह ज्यादा रहस्यमय लगने लगा ।

फिर मैंने सोचा क्यों न उस का पता लगाया जाए कि कौन है ,किसकी लड़की है। कहां रहती है।

अपने दो तीन दोस्तों को भी बात करी ।औरहम सब ने मिलकर के यह पता लगाने का जिम्मा लिया। यूनिवर्सिटी पास में थी इसलिए ऐसा लगता था कि ,वह वहीं कहीं किसी डिपार्टमेंट में पढ़ती है। 1 दिन की बात है मैं पीछे की गली में किसी काम से मेरी एक फ्रेंड के घर गई ।सर्दियां काफी थी तो उसने बोला चल छत पर चलते हैं ।

हम दोनों छत पर गए तो एकदम सामने वाले मकान में मुझे छत पर बैंगनी दुपट्टा सूखता हुआ दिखा ।मेरे को देख कर बहुत खुशी हुई। लगा आज तो इसका रहस्य पता लगी जाएगा कि कौन लड़की है। थोड़ी देर बाद में लड़की छत पर आई उसकी बहुत लंबे बाल थे।हमारी तरफ पीठ करके अपने बाल सुखा रही थी ।और उसके बाद में वह नीचे चली गई ।बिना हमारी तरफ नजर करें ,मैं उसका चेहरा नहीं देख पाई। मैंने मेरी फ्रेंड से पूछा कि तू उसको जानती है, तो उसने बोला यह लोग आसपास में बातें नहीं करते हैं। इसलिए हमने भी कभी उससे बात करने की कोशिश नहीं करी ।

कौन है, कहां से आए हैं, कुछ पता नहीं ।अब मुझे लगा ऐसे तो कुछ पता नहीं लगेगा तो मैंने उसके घर पर जाने की ठानी। और मेरी फ्रेंड के घर से मैं उसके घर गई।  

दरवाजा खटखटाया मन में एक धुकधुक थी अंजानी हूं, तो कैसा व्यवहार रहेगा। 

5 मिनट बाद में हाथ में बैंगनी दुपट्टा लिए वह लड़की दरवाजा खोलने आई। उसने में दुपट्टा नहीं बांध रखा था। पर उसकी शक्ल जब मैंने देखी तो मैं एकदम चकित रह गई ।मुझे बहुत दुख हुआ। उसका चेहरा और हाथ दोनों काफी जले हुए थे। ऐसा लगता था जैसे उस पर एसिड अटैक हुआ हो। उसने मुझे बहुत प्यार से घर में बुलाया और बिठाया ।मैंने उसे बताया हम तुम्हारे अगली वाली गली में रहते हैं, मैं तुमको रोज देखती हूं ।और तुमसे दोस्ती करने की इच्छा रखती थी ।इसीलिए मैं आज तुमसे दोस्ती करने आई हूं। उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसने बोला आप मेरे मुंह को मेरी शक्ल को देखने के बाद भी मुझसे दोस्ती करना चाहेंगे।मैंने कहा इससे क्या फर्क पड़ता है। मुझे तो अच्छे दोस्त की जरूरत है ।मुझे तुम्हारी दोस्ती पसंद आएगी। वह मेरी दोस्त बन गई। फिर उसने जो एक स्टोरी बताई कि किस तरह उसके ऊपर एसिड अटैक हुआ ।उसके जानने वाली और उससे ईर्ष्या रखने वालीदोस्त ने ही उसके ऊपर एसिड अटैक करवाया ।

यह जानकर मुझे बहुत ही दुख हुआ। मैंने उसको बोला तुमको अपना चेहरा और हाथ इस तरह ढकने की जरूरत नहीं है। तुम्हें किसी से डरना नहीं चाहिए। जैसी हो वैसी ही सबको दिखाओ। तुम्हारे साथ में ज्यादती हुई है। उसका बदला तुम अपने आप को ढककर क्यों ले रही हो।क्यों सजा भुगत रही हो। हिम्मत से सब का सामना करो। और आजादी से जियो, उसको मेरी बात पसंद आई। 

और उसने दुपट्टा बांधना बंद कर दिया ।और नॉर्मल लाइफ जीने लगी। लोगों को भी थोड़े दिन अटपटा लगा ।मगर फिर आदत पड़ गई उसको वैसे ही देखने की। दिल इतना प्यारा था। ।स्वभाव इतना अब सबकी प्यारी बन गई ।इस तरह एक बैंगनी दुपट्टे ने हमको एक प्यारी सी दोस्ती देदी हमारे ग्रुप मैं सबकी प्यारी दोस्त थी।


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