Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Sadhna Mishra

Tragedy

4  

Sadhna Mishra

Tragedy

बाल्य

बाल्य

2 mins
313


बारह बरस का राजू आज पिताजी को घर के दरवाजे तक छोड़ने आया और बोला! पिताजी जब आप अपने काम से लौटना तो मेरे लिए लाल वाला फल लेकर आना पिता ने कहा ठीक है! बेटा ले आऊंगा। बेटा बोला आप रोज भूल जाते हैं, आज भूलना नहीं मैं आपके गमछे में एक गांठ लगा देता हूं, जिससे आपको याद रहे कि राजू के लिए लाल वाला फल लेकर जाना है ठीक है! बेटा आज याद से लेकर आऊंगा।

कहकर राजू के पिता मंसाराम आगे चल दिए और अपनी फैक्ट्री में जा पहुंचे जहां वह स्वीपर का काम किया करते थे।

आज बोरवेल की सफाई का काम होने वाला था राजू के पिता मंसाराम ने कपड़े बदले और बोरवेल में उतरने के लिए तैयार हो गए, उनके साथ काम करने वाला मित्र आज नहीं आया था। इस वजह से उन्हें अकेले ही यह काम करना था।

 वह बोरवेल में नीचे की तरफ गए जहां सफाई करते करते थक गए और थोड़ी ही देर में उनकी सांसें उखड़ने लगी, उन्होंने साहब को बोला कि हमारी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है, बाकी काम कल हो जाएगा मगर साहब नहीं माने साहब ने कहा ! कुछ खा लो तुम्हें अच्छा लगेगा साहब ने बाल्टी की मदद से कुछ सेब नीचे डाल दिया ।

मंसाराम ने सेब को देखा और उसे राजू की याद आ गई उसने अपने गमछे की गांठ को याद किया और सेब को रख लिया अपने बेटे के लिए और खुद भूखा प्यासा काम पर लगा रहा शाम के 7:00 बज चुके थे, 

 साहब ने आवाज लगाई मंसा काम नहीं खत्म हुआ ! अंदर से कोई भी आवाज नहीं आ रही थी अंदर का हाल जानने के लिए एक दूसरे व्यक्ति को बोरवेल में उतारा गया उस व्यक्ति ने सूचना दी कि मंसाराम की नब्बस नहीं चल रही है।

 अन्य लोगों की मदद से मंसाराम को बोरवेल से ऊपर निकाला गया और घरवालों को सूचना दी गई ‌ मंसाराम की पत्नी और बेटे ने जब पिता को इस तरह देखा लिपट कर रोने लगे, जैसे ही राजू की निगाह पिता के हाथ पर गई उसने देखा हाथ में लाल वाला फल था आज राजू उस फल को देखकर मन ही मन खुद को कोस रहा था। 

बच्चों की इच्छा पूरी करने के लिए पिता अपनी जान की परवाह तक नहीं करता ! क्या बच्चों से भी यही अपेक्षा की जा सकती है ?


Rate this content
Log in

More hindi story from Sadhna Mishra

Similar hindi story from Tragedy