STORYMIRROR

Anvi GODARA

Inspirational

3  

Anvi GODARA

Inspirational

अपने पर गर्व

अपने पर गर्व

2 mins
384

मेरा एग्जाम था और मैं पेपर दे कर जयपुर से लौट रही थी। मैं जयपुर से ट्रेन में आ रही थी। मैं मैं खुश थी कि मेरा एग्जाम बहुत अच्छा गया। रिजल्ट का डर भी था पता नहीं मेरिट कितनी जाएगी। ट्रेन चलने वाली थी। मैं ट्रेन में अपनी सीट पर बैठ गई। ऊपर वाले सीट पर बैठ गई। नीचे वाली सीट पर एक छोटी बच्ची अपने दादाजी के साथ बैठी थी। एक व्यक्ति और उनके साथ बैठा था। बच्चे की उम्र लगभग 10 साल की थी। ट्रेन चल पड़ी और हम सब सो गए। अचानक मुझे मेरी आंख खुली मैंने देखा छोटी बच्ची के दादा जी वाह नहीं थे और वह अकेली बैठी थी उस पास वाला व्यक्ति अभी तक सोया नहीं था। लड़की के दादाजी दूसरी सीट पर अपने मित्र के साथ बातें कर रहे थे। जो जो व्यक्ति बच्चे के पास बैठा था वह उस बच्चे के साथ गंदी हरकतें कर रहा था। बच्चे से दूर करने की कोशिश कर रही थी पर वह फिर भी उसे बैड टच कर रहा था। वह कभी लड़की के मुंह छाती को हाथ लगाता है कभी पीठ पर मैं यह सब देख रही थीं। आदमी उस बच्चे के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था। मुझे इतना गुस्सा बहुत गुस्सा आया। सीट से उतरी और उसे पकड़ के एक थप्पड़ मार दिया। सभी लोगों ने कहा क्या हुआ क्या हुआ। अचानक लड़की के दादाजी आए और का क्या हुआ। मैंने कहा अगर आप बच्चे को अपने साथ लाए हैं तो इसका ख्याल भी तो रखिए अभी कुछ हो जाता तो यह व्यक्ति इसके साथ कितनी गंदी हरकतें कर रहा था आपको पता भी है। अचानक टी टी आ गया और बोला क्या हुआ मैंने बताया। लड़की के दादाजी ने कहा इस पर पुलिस के हवाले कर देते हैं। सही है। गाड़ी स्टेशन पर रूकती है औरत आदमी को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। ट्रेन द्वारा चलती है अब वह लड़की मेरे पास बैठी थी। दीदी थैंक यू आज मुझे बहुत खुशी हुई हो रही थी कि मैंने एक लड़की को बचाया। मुझे खुशी थी कि मैं भी एक औरत हूं और दूसरी औरत के लिए मैंने कुछ किया है। मैं आप पर बहुत गर्व हो रहा था। घर पर आकर मैंने सब बात मम्मी पापा को पता है तो उन्होंने मुझसे बहुत अच्छा काम किया। काश कोई किसी के साथ गलत होने से रोक ले कभी किसी के साथ कुछ गलत ना हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational