अपनापन
अपनापन
सुबह 8:30 रवि "मां किसने कहा था आपसे नाश्ता बनाने के लिए न मसाला है न स्वाद हटाओ इसे..!"
जिस मां के चेहरे पर उत्सुकता थी वो उदास बस थाली लेकर चुपचाप रसोई में चली गई।
नेहा (पत्नी) बोली "क्या आपके कड़वे शब्दों से भी खराब था वो खाना..?
रवि "क्या मतलब..!"
नेहा "पुराने स्वाद तुम भूल गए समझती हूं पर क्या मान और अपमान के बीच का अंतर भी भूल गए..? मम्मी जी ने कितने प्यार से आपके लिए वो मीठी रोटी बनाई थी..!"
रवि बच्चों की तरह कान पकड़कर मां से माफी मांगता और मां उसे गले लगाती।
