STORYMIRROR

Aarti Ayachit

Drama

2  

Aarti Ayachit

Drama

"अपनापन"

"अपनापन"

1 min
228

प्रिय सखी

आगमन से आपके मन-मंदिर दोनों ही प्रफुल्लित हुए । आपकी उपस्थिति से मेरी सुहागिन-पूजा को पूर्णता प्राप्त हुई, उसके लिए अनेकानेक धन्यवाद एवं आभार  । भविष्य में भी मुझे आपका प्रेम-स्नेह ऐसे ही मिलता रहे इसी आकांक्षा के साथ

प्रिय सखी

मैं भी आभारी हूं , इस सुहागिन-पूजा के बुलावे से मेरा मन-मंदिर भी प्रसन्न होकर आपको शुक्रिया अदा करता है और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वह सदा आपकी मनोकामना पूर्ण करे और हमारा प्रेम-स्नेह यूं-ही अग्रसर हो ।

दिलों को जोड़ती हिंदी-भाषा में हुए संवादों से जो अपनापन झलक रहा, वह अन्य भाषाओं में कहां ?


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama