अपना
अपना
नाज़नीन अपने दल के साथ निकलने की तैयारी में था। पास के मोहल्ले में एक बड़े घर में शादी हुई थी। वहाँ अच्छा नेग मिलने की उम्मीद थी।
वह निकल ही रहा था तभी किशन आ गया। वह बहुत दुखी था। नाज़नीन ने पूछा,
"क्या हुआ। परेशान क्यों हो ?"
"बंटी बहुत बीमार है। अस्पताल में है। पैसों की ज़रूरत थी।"
"हम पास की कोठी में जा रहे हैं। भगवान ने चाहा तो अच्छी रकम मिलेगी। दोपहर को आना।"
आश्वासन पाकर किशन चला गया।
नाज़नीन ने हाथ जोड़कर ईश्वर से अपने भतीजे के स्वास्थ के लिए प्रार्थना की।