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Mridula Mishra

Drama

3  

Mridula Mishra

Drama

*अफवाह*

*अफवाह*

2 mins
177


जैसे ही वासाबी भाभी का मैसेज मेरे फ़ोन पर आया हम सब सकते में आगये। उन्होंने लिखा था,"मैं और मेरा पति *कोरोना*में हैं हस्पताल में दो दिन बाद घर आऊंगी। "इसके बाद तो मेरे पास। धड़ाधड़ किटी मेम्बरस के फोन आने लगे। मैं भी परेशान थी।

हुआ यह था कि पांच मार्च को किटी थी । हम सब उसमें शामिल थे,जो होटल में रखा गया था। वासाबी भाभी कैल्कटा से आयी थीं भाईसाहब की तबियत खराब थी इसलिए वो अस्पताल में एडमिट थे। उस समय कोरोनावायरस का हंगामा शुरू हो गया था। किटी में आते ही भाभी की छींक और खांसी शुरू हो गई थी जो ऐ.सी  .बंद होते थम गयी थी। किटी खूब हंसी-मजाक से सम्पन्न हुआ। हम घर आगये उसी के चार-पांच दिन बाद की घटना है यह कॉलोनी में भी हड़कंप मच गया था

 अब तो यही था कि अपनी-अपनी जांच करा ली जाये। सभी बातें सुनकर पतिदेव ने जमकर डांट लगाई। लेकिन अब हो भी क्या सकता था। मेरे मन में एक बात आयी कोरोनावायरस के इलाज में तो बहुत समय लग जाता है तब भाभी दो दिन में कैसे आ जायेंगी? फिर मैंने भाभी को फोन किया और पूछा ,"भाभीआप किस हस्पताल में हैं?"उन्होंने कहा,*कोरोना*में अब मैं समझी बंगाली होने के कारण वासाबी भाभी के*करूणा हस्पताल* कोरोना बोल रही थीं। मैं तो फोन पर ही जोर-जोर से हंसने लगी भाभी ने पूछा तो नमस्ते कहकर मैंने फोन रख दिया। पतिदेव भी यह जानकर जोर से हंसने लगे। फिर मैंने कॉलोनी के चेयरमैन साहब को फोन किया संयोगबस वह भी बंगाली हैं,वह भी सभी बातें सुनकर हंसने लगे।  

 हम सब को जैसे जिंदगी मिल गई हो। शायद इसीपर कहावत बनी होगी #कौवा कान ले गया#

सच है अफवाहों पर ध्यान न देकर उसकी तह में जाना चाहिए।


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