अँधेरी घाटी का खजाना
अँधेरी घाटी का खजाना
गाड़ी को अंधेरी घाटी की तरफ भगाते हुए शक्तिमान ने रामानुजन से कहा, "हम को किसी लोकल इंसान को अपने साथ ले लेना चाहिए......"
"क्यों??" रामानुजन ने सवाल किया।
हमें अंधेरी घाटी पहुंचने में आसानी होगी उसकी मदद लेने से फिर नक्शा तो हमारे पास है ही वहां पहुंचकर हम खजाना ढूंढ लेंगे।
"ठीक है लेकिन किसको साथ लेंगे?"
"कोई रास्ते में दिखे तो उससे पूछते हैं......." शक्तिमान बोला।
विशाल अकेला चला जा रहा था रात होने को थी एक कार आकर उसके पास रुकी कार में से एक आदमी बोला, "मेरा नाम रामानुजन है हम अंधेरी घाटी जा रहे हैं, हमे वहां का रास्ता पता नहीं है क्या आप रास्ता ढूंढने में हमारी मदद करेंगे ?"
"नहीं......." विशाल ने सिरे से नकार दिया
"क्यों आप हमारी मदद क्यों नहीं करना चाहते?" शक्तिमान बोला ।
"मैं आपकी मदद क्यों करूं मुझे अंधेरी घाटी में जाकर खतरे में पड़ कर क्या मिलने वाला है, इसलिए मैं आपकी मदद नहीं करूंगा........"
"अच्छा सुनो यदि हमें वहां कोई खजाना मिला तो हम तुमको खजाने में से थोड़ा हिस्सा दे देंगे......." रामानुजन ने कहा।
कुछ सोचने के बाद विशाल ने हाँ कर दिया।
उसके बाद तीनों गाड़ी में बैठ कर चल दिए और विशाल अंधेरी घाटी का रास्ता बताता रहा। वहां पहुंचकर अंधेरा और गहरा हो गया था बात भी कुछ ऐसी थी कि दिन में खजाना नहीं मिलेगा तो शाम को ही जाना था वैसे भी घाटी अपने नाम के अनुसार ही अंधेरी है। वहां तो दिन में भी अंधेरा ही रहता है ।
पहुंचकर कार को किनारे लगा कर तीनों ढलान से होते हुए नीचे जाने लगे रामानुजन बोले, "अब नक्शा निकालो।"
शक्तिमान ने एक बड़ा सा कागज निकाला जो कि बहुत ही मुंडा-तुड़ा है और उसको खोलकर रामानुजन के सामने बढ़ा दिया।
"देखो इसमें लिखा है दो स्क्वायर और पेड़ बना है इसका मतलब है दो का स्क्वायर यानी कि चार और पेड़ जहां पर चार पेड़ एक साथ होंगे पहले वहां चलते हैं......" शक्तिमान को लगा रामानुजन बहुत समझदार है वह पूरा नक्शा डिकोड कर लेंगे और हमको खजाना जरूर मिल जाएगा।
इधर-उधर घूमते घूमते माथापच्ची करते आख़िर उनको चार पेड़ मिल गए नक्शे से थोड़ा अलग थे लेकिन उन लोगों को लग रहा है कि यही जगह होनी चाहिए अब फिर से नक्शा निकाला और उसको देखने की कोशिश करने लगे एक बिंदु जैसा बना हुआ है गोले के अंदर शक्तिमान ने कहा, "यह बिंदु क्यों बना है? इसका क्या मतलब हुआ?"
रामानुजन बोले, "इन चारों पेड़ों को हमें गोला समझकर सेंटर ढूंढना चाहिए वहीं पर खुदाई करेंगे तो शायद हमें खजाना मिलेगा......."
"खुदाई कैसे करनी है?"
उतावलेपन में यह लोग गाड़ी में ही कुल्हाड़ी भूल आये थे।
विशाल ने इधर-उधर देखा उसको लोहे की रॉड जैसी दिखी वो बोला, "इस से खुदाई करने की कोशिश करते हैं, हम तीनों लोग बारी-बारी से खुदाई करते है अगर आपने सही तरीके से नक्शा डी कोड किया होगा तो हमें खजाना अवश्य मिलेगा।"
सबसे पहले विशाल ने थोड़ा खोदा एक डेढ़ फीट खोदने के बाद रामानुजन ने अपना काम किया बाद में शक्तिमान ने अपनी शक्तियां लगाई थोड़ा खोदने के बाद उनको ऐसा लगा कि किसी चीज में लोहे की रॉड टकरा रही है तीनों बहुत खुश हो गए "लगता है नक्शा मिल गया......" विशाल ख़ुशी से बोला।
थोड़ा और खोजने के बाद एक बक्से जैसा दिखा बक्से का ढक्कन खोला हीरे जवाहरात की चमक से आंखें चौंधिया गई विशाल की आंखों पर तो इतनी जोर की चमक आ गई की खुशी में उसकी आंखें खुल गई और वह सपने से बाहर आ गया न जाने कितने अरमानों पर पानी फिर गया उसको तो खजाने में से हिस्सा मिलने वाला था।